बाढ़ नियंत्रण के लिए हरियाणा ने बनाया प्लानबाढ़ नियंत्रण के लिए हरियाणा ने बनाया प्लान

चंडीगढ़, 26 जून। हरियाणा के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडल आयुक्तों और उपायुक्तों के साथ मानसून सीजन से पहले प्रदेश भर में बाढ़ नियंत्रण तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने जलभराव की घटनाओं को रोकने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

बैठक के दौरान, मुख्य सचिव प्रसाद ने अधिकारियों को मानसून की बारिश शुरू होने से पहले प्रदेश भर में नालों और चैनलों की सफाई में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने संभावित बाढ़ के जोखिमों को कम करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और पंपिंग मशीनों और जनरेटर जैसे आवश्यक उपकरणों की तैनाती की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। श्री प्रसाद ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ।

मुख्य सचिव ने समय पर कार्य निष्पादन के महत्व पर बल देते हुए, उपायुक्तों को बाढ़ नियंत्रण पहलों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के निर्देश दिये ताकि किसी भी देरी से बचा जा सके और लोगों को असुविधा न हो।  उन्होंने कहा कि व्यापक बाढ़ प्रबंधन रणनीतियों के लिए जिलों को पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है।

इसके अलावा, बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि बाढ़ नियंत्रण उपायों की प्रत्यक्ष निगरानी करने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंताओं को  जिले सौंपे गए हैं। उन्हें संवेदनशील स्थानों पर स्थल निरीक्षण करने और मानसून के मौसम में जलभराव को रोकने के लिए तात्कालिक उपाय लागू करने का काम सौंपा गया है।

बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने अप्रैल और मई में अपने हाल ही में चलाए गए अभियान की रिपोर्ट दी। इस अभियान के दौरान बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रमुख शहरी नालों की सफलतापूर्वक सफाई की गई।

प्रसाद ने बाढ़ नियंत्रण उपायों को क्रियान्वित करने में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी।

बैठक में  जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल,  शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता,  सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति तथा खान एवं भूविज्ञान विभागों के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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