वकालत केवल पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है - सैनीवकालत केवल पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है - सैनी

चंडीगढ़, 12 जनवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वकालत केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह जनसेवा का माध्यम है और वकील देश की न्याय प्रणाली में योगदान देकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। वकालत का क्षेत्र केवल कानून के ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि अच्छी सोच वाले वकील समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका निभाते है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह बात चण्डीगढ़ स्थित लॉ भवन में हरियाणा एवं पंजाब बार कौसिंल द्वारा आयोजित नये वकीलों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 1145 नये वकीलों को शपथ दिलवाई और उन्हें लाइसेंस प्रदान किए।

सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवादी विजन का परिणाम है कि आजाद भारत ने 7 दशक के बाद गुलामी के समय बनाए गए और वर्तमान में अवांछित 3 कानूनों से मुक्ति पाई है। उन्होंने सभी नये वकीलों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे नए कानूनों के बारे में आम जनता को जागरूक करने में भी सहयोग करें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 नए आपराधिक कानून बनाने के अलावा लगभग 1600 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है जिनकी वर्तमान में कोई व्यवहार्यता नहीं है। हरियाणा में भी 175 अनावश्यक कानूनों की पहचान की है, इनमें से 28 को निरस्त किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए  तीनों नए कानूनों को लागू करने के लिए प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, व तकनीक के विकास, जन-जागरूकता आदि के लिए निरंतर काम किया जा रहा है और नये आपराधिक कानूनों को कारगर ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। इन नए कानूनों के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए लगभग 300 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।  साथ ही , 43 हजार से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को 3 नये कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया है। इनमें लगभग 10 हजार अनुसंधान अधिकारी भी शामिल हैं। प्रदेश की सभी 97 प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के सभी 555 न्यायिक अधिकारियों को भी तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है और सभी 2,167 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों व सभी 741 लोक अभियोजकों को भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार वकीलों और न्यायपालिका को आवश्यकता अनुसार हर संभव योगदान दे रही है। सरकार वकीलों के लिए आधुनिक सुविधाएं, तकनीकी संसाधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम सुनिश्चित कर रही है, ताकि सभी अपने कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से कर सकें। उन्होंने कहा कि वकीलों और न्यायपालिका के बीच तालमेल, पारदर्शिता और नैतिकता का होना जरूरी है। कानून का शासन किसी भी लोकतांत्रिक देश की नींव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजीटल युग में कानून के क्षेत्र में भी बदलाव हो रहे हैं। नई तकनीकों का उपयोग वकीलों के लिए भी अवसरों के नए द्वार खोल रहा है। सभी वकील नई तकनीकों को अपनाएं और न्याय प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने नए वकीलों से कहा कि सभी को अपने नैतिक मूल्यों को हमेशा सर्वाेपरि रखना चाहिए। वकालत न केवल आपकी योग्यता का प्रमाण होगी बल्कि आपके नैतिक मूल्यों का भी परिचायक होगी। इसलिए हमेशा सत्य और न्याय के पक्ष में खड़े रहें और अपने पेशे का उपयोग केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए भी करें।

सैनी ने कहा कि बार कौंसिल ने पिछले 63 सालों में नई मंजिलें तय की हैं। यह बार कौंसिल देश की बहुत पुरानी बार कौंसिल में से एक है। इस काउंसिल ने ऐसे वकील देश को प्रदान किए हैं जिन्होंने आगे चलकर पंजाब व हरियाणा राज्यों में ही नहीं, बल्कि देशभर के उच्च न्यायालयों और भारत के उच्चतम न्यायालय में भी उच्च पदों को सुशोभित किया है। इस कौंसिल ने उच्चतम न्यायालय के कई न्यायाधीश, देश के कानून व रेल मंत्री, पंजाब व हरियाणा के एडवोकेट जनरल, एडिशनल सालिसिटर जनरल आदि प्रदान किए हैं। वर्तमान में इस बार कौंसिल के अंतर्गत हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की विभिन्न 150 बार एसोसिएशन आती हैं। कौंसिल के पास 1 लाख 52 हजार से अधिक सदस्य पंजीकृत हैं।

इस अवसर पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल परविंद्र सिंह चौहान, हरियाणा एवं पंजाब बार काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र सिंह अहलावत, उपाध्यक्ष चेतन शर्मा सहित बार के अन्य पदाधिकारीगण और नए वकील मौजूद थे।

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