सीएम ने केजरीवाल की मौजूदगी में 10031 सरपंचों को शपथ दिलाईसीएम ने केजरीवाल की मौजूदगी में 10031 सरपंचों को शपथ दिलाई

लुधियाना, 8 नवंबर। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नए चुने गए सरपंचों से अपील की कि वे ग्राम सभाओं की बैठक आयोजित करें और विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्णय लोगों की उपस्थिति में लें। 

यहां राज्य स्तरीय समारोह में, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य भर के 10031 नए चुने गए सरपंचों को शपथ दिलाई, के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता के पैसे का समझदारी से उपयोग करते हुए गांवों का व्यापक विकास सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

केजरीवाल ने कहा कि फंड के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए गांवों के विकास संबंधी फैसले ग्राम सभाओं में किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरपंच अपनी जिम्मेदारी भली-भांति निभाएं, तो वे आम आदमी और अपने गांवों की तकदीर बदल सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार सरपंचों को हर नेक काम के लिए पूरा सहयोग देगी।

उन्होंने सरपंचों को राज्य से नशे की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि   सरपंचों की सक्रिय भूमिका से पंजाब को जल्द ही नशा मुक्त राज्य बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस इस कार्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरपंचों की अहम भूमिका होती है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी प्रभावशाली ढंग से निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरपंचों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा और अपने गांवों को आदर्श गांवों में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि गांवों की भलाई के लिए सरपंचों को अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से निभानी चाहिए। 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि हाल ही में हुई पंचायत चुनावों में 13,147 नई पंचायतें चुनी गईं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज इस प्रदेश स्तरीय समारोह में पंजाब के 19 जिलों के 10,031 सरपंचों ने शपथ ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी जिलों जैसे श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, बरनाला और गुरदासपुर के नए चुने सरपंचों और सभी 23 जिलों के नए चुने 81,808 पंचों का शपथ ग्रहण समारोह गिदड़बाहा, चब्बेवाल, बरनाला और डेरा बाबा नानक की जमीनी चुनावों के बाद होगा। मान ने कहा कि इन गांवों ने संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से पंचायतों का चुनाव करके जहां एक ओर गांवों में भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत किया, वहीं दूसरी ओर अपने गांवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व और संतोष की बात है कि प्रदेश के 3037 गांवों की पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गईं और फिरोजपुर जिले ने 336 पंचायतें सर्वसम्मति से चुनकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया, इसके बाद गुरदासपुर (335) और तरन तारन (334) का स्थान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल, डिस्पेंसरी, पशु अस्पताल और जनहित से जुड़ी कई अन्य सुविधाएं पहले ही पंचायतों की सीधी निगरानी में हैं। इसी तरह गांवों के विकास से संबंधित कई अन्य कार्य भी सरपंचों की मार्गदर्शन में कराए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को इन कामों और सेवाओं की समर्पित तरीके से निगरानी करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सरपंचों को स्पष्ट आह्वान किया कि वे इन कामों में किसी भी तरह की अवांछनीय दखलअंदाजी से दूर रहें। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद बात है कि गांवों में गुटबंदी के कारण कई कामों में रुकावटें आती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंचों को गांवों में गुटबंदी को समाप्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत हासिल करने वाला व्यक्ति या पार्टी विजेता होती है, लेकिन एक बार सरपंच चुने जाने के बाद वह पूरे गांव का प्रतिनिधि होता है। उन्होंने कहा कि सरपंच को गांव के हर नागरिक के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और निष्पक्षता से फैसले लेने चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों के कई सरपंचों ने अपनी समझ और दूरदृष्टि से गांवों का कायाकल्प किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में विकास और खुशहाली की गति को और बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार गांवों के सर्वांगीण विकास और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरपंच सरकार और गांवों के बीच पुल का काम करते हैं और उन्हें गांवों के विकास में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सरपंचों को विश्वास दिलाया कि गांवों में विकास कार्यों को करवाने के लिए फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने सरपंचों से कहा कि वे अपने गांवों के विकास कार्यों को प्राथमिकता दें ताकि प्रदेश सरकार इस संबंध में काम शुरू करवा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए पंचायतों को फैसले लेने चाहिए और प्रदेश सरकार इसके लिए हर उपाय करेगी।

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