चंडीगढ़, 24 अप्रैल। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बुधवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता की। उनके साथ प्रदेश एजुकेशन विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष मास्टर सतबीर गोयत और पंचकूला जिलाध्यक्ष रंजीत उप्पल भी मौजूद रहे। इस दौरान सतपाल ढिढोलिया और प्रवीण फोर ने नेतृत्व में साढौरा हल्के से उधम गढ़ गांव के सरपंच राकेश कुमार, गुरनाम सिंह, कुलदीप सिंह और राजबीर भी आम आदमी पार्टी में शामिल हुए।अनुराग ढांडा ने भारतीय जनता पार्टी के किसान विरोधी चरित्र पर निशाना साधते हुए कहा कि आज पूरे देश के सामने भारतीय जनता पार्टी का किसान विरोधी चेहरा है। इनके उम्मीदवार कहीं भी गांव में प्रचार के लिए नहीं जा पा रहे हैं। बीजेपी सरकार इसका बदला किसानों से ले रही है। प्रदेश की मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं, सड़कों से लेकर गांवों के स्टेडियमों में गेहूं की फसल मौजूद है। 90 प्रतिशत तक फसल की कटाई हो चुकी है,किसान अपनी फसल मंडी में डाल चुका है। जबकि फसल का उठान तय नियमों के अनुसार नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा अब तक प्रदेश की मंडियों से लगभग 38 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठान नहीं हुआ। हालत यह कि प्रदेश की कई मंडियों के बाहर गेहूं डालने पड़ रहे हैं। गेहूं के उठान संबंधी प्रशासन के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं। वहीं पिछले दो महीने में 3 बार ओलावृष्टि और अकेले अप्रैल में 4 बार बारिश हो चुकी है। ये सारे नुकसान का बोझ किसानों पर जा रहा है।
उन्होंने कहा जहां जहां बड़े उद्योगपतियों के साइलो हैं, वहां सरकार ने मंडियों को ठप कर दिया है। वहीं इनके बाहर लंबी लंबी कतारें लगी रहती है। बारिश में अगर फसल भीग जाए तो फसल में नमी बताकर वापस भेज दिया है। कुरुक्षेत्र की बात करें तो कुरुक्षेत्र जिले में अव्यवस्था के चलते करीब 35 लाख क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा ।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सोनीपत में 16.79 लाख क्विंटल गेहूं का उठान होना बाकी है। वहीं खुले में करीब 1.50 लाख क्विंटल गेहूं पड़ा हुआ है। रोहतक में 18 लाख 56 हजार 858 क्विंटल गेहूं की आवक हुई। खुले में पड़ा करीब 10 लाख क्विंटल गेहूं भीग गया। ऐसे ही हांसी में 4 लाख क्विंटल गेहूं से ज्यादा उठान न होने के कारण मंडी में पड़ा है। पूरे प्रदेश का कमोबेश यही हाल है। तीन सप्ताह पहले सरसों का सीजन जा चुका है। इसके बावजूद भी सिरसा जिले में 40 फीसदी सरसों का उठान बाकी है। चरखी दादरी में भी सरसों की फसल का उठान बहुत कम हो रहा है। इस कारण किसानों को 23 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक एक भी पैसा नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने दावा किया था कि 72 घंटे में किसानों को फसल खरीद की पेमेंट करेंगे। लेकिन बीजेपी सरकार ने जानबूझ कर हैफेड की खरीद को धीमी कर रखी है। ताकि 25 से 30 दिन के बाद फसल का भुगतान लोकसभा चुनाव के दौरान करेंगे। लेकिन, प्रदेश का किसान तैयार है, बीजेपी को जमानत बचाने के लाले पड़ जायेंगे। प्रदेश के सभी 10 लोकसभा क्षेत्रों में कहीं भी बीजेपी के प्रत्याशी गांवों में प्रचार नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गांव के अंदर बीजेपी के प्रत्याशी डर रहे हैं। कोई भी बीजेपी प्रत्याशी वोट मांगने के लिए गांव में नहीं जाता। किसानों पर बीजेपी पहले भी बहुत अत्याचार कर चुकी है। आज भी किसानों पर अत्याचार चल रहे हैं। उन्होंने कहा अन्नदाता पर गोलियों और आंसू गैस के गोलों की बौछार के बाद उनकी महीनों की मेहनत के बाद तैयार फसल का समय पर उठान कर जल्द जल्द किसानों को फसल का भुगतान करने का काम करें। जबकि बीजेपी चुनावों के समय भी किसानों को मजबूर देखना चाहती है। यहां तक गोदामों से भी गेहूं की क्वालिटी खराब बताकर वापस भेज दिया जाता है। ये एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है। किसानों को समय पर भुगतान ना कर बीजेपी किसानों को दबाने का काम कर रही है।