चंडीगढ़, 15 फरवरी। हरियाणावासियों को निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में आज हरियाणा सरकार ने महानदी बेसिन पावर लिमिटेड (एमबीपीएल) के साथ 800 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में हरियाणा की ओर से उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक डॉ साकेत कुमार तथा कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से श्री देबाशीष नंदा ने एओयू का आदान-प्रदान किया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एम.सी.एल.) द्वारा ओडिशा में 1600 (2×800 मेगावॉट) मेगावॉट का सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट लगाया जा रहा है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल उपस्थित थे
उन्होंने कहा कि महानदी बेसिन पावर लिमिटेड (एमबीपीएल) द्वारा ओडिशा में प्रस्तावित अपने इस प्लांट से हरियाणा को 800 मेगावॉट बिजली देने की पेशकश की गई, जिसे स्वीकार करते हुए आज इस संबंध में एमओयू किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्तावित बिजली खरीद के लिए एकल मूल्य (लेवलाइज्ड टैरिफ) 4 रुपये 46 पैसे प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार यमुनानगर में भी 800 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट लगाने जा रही है, इसके लिए टेंडर किया जा चुका है। वर्तमान में हरियाणा में बिजली उत्पादन क्षमता 2,582 मेगावाट है और इस नये प्लांट के बनने से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावाट तक बढ़ जाएगी।
मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 9 वर्षों में बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। वर्ष 2014 में प्रदेश में बिजली की मांग 9000 मेगावॉट थी, जो आज बढ़कर 14,000 मेगावॉट हो गई है। बिजली निगमों द्वारा निरंतर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। हाइड्रो तथा सोलर पॉवर से भी बिजली खरीदी जाती है और हरियाणा बिजली के मामले में आत्मनिर्भर है।
उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली आपूर्ति के मामले में हरियाणा ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और आज लगभग 5800 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है।