चंडीगढ़, 9 दिसंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे अधिक प्रभाव गरीब व्यक्ति पर पड़ता है। भ्रष्टाचारी गरीब व्यक्ति का हक मारकर स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित दिखाने का कार्य करते हैं। इसलिए हमें समाज के साथ संबंध जोड़कर समाज सेवा का दायित्व निभाना चाहिए और भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। भ्रष्टाचार से दूर रहकर देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रदेश के 9 जिलों के 25 स्थानों पर, जहां मिशन कर्मयोगी की ट्रेनिंग दी जा रही है, वहां पर भी अधिकारी व कर्मचारी ऑनलाइन इस कार्यक्रम से जुड़े। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भ्रष्टाचार रोकने में सराहनीय कार्य करने वाले 16 अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में भ्रष्टाचार विषय पर आज के दिन चर्चा हो रही है। भ्रष्टाचार किसी देश व प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में कम या ज्यादा मिलता है। इससे मुक्त होने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जन जागरण की कोई कमी नहीं है। कमी है तो केवल संस्कारों की है। यदि हम जीवन में संस्कार और संतोष के भाव का समावेश कर लें तो भ्रष्टाचार से मुक्ति पाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक, नैतिक और चारित्रिक भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी देश व समाज को खोखला करने का काम कर रहे हैं। भ्रष्टाचार एक तरह का कैंसर है, जिसके घातक परिणाम होते हैं। इसके अलावा चारित्रिक भ्रष्टाचार की सोच वाले व्यक्ति समाज में अपनी लोकलाज बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार करते हैं।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री, चाणक्य तथा चंडीगढ़ निवासी समाजसेवी जगदीश आहूजा के जीवन का उदाहरण देकर लोगों का आह्वान किया कि वे उनके जीवन से प्रेरणा लेकर काम करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही एक लक्ष्य तय किया था कि सबसे पहले अपनी राजनीतिक बिरादरी की छवि को कायम रखने का कार्य करेंगे। यह चुनौतीपूर्ण कार्य को उन्होंने संभव करके दिखाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भर्तियों में पारदर्शिता रखी और किसी भी आवेदक के साथ भेदभाव नहीं किया। मेरिट के आधार पर ही नौकरियां दी गई, जिसकी बदौलत गरीब के बच्चे का नौकरी पाने का सपना पूरा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम चलाया है। इसके तहत प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों को कर्मयोगी बनने की प्रेरणा दी जा रही है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
भ्रष्टाचार असंतोष, ईर्ष्या और हीन भावना का घोतक -मुख्य सचिव
इस मौके पर हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि भ्रष्टाचार असंतोष, ईर्ष्या और हीन भावना का घोतक है। हीन भावना से ग्रसित व्यक्ति भ्रष्टाचार करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार को जड़ मूल से समाप्त करने के लिए सतर्कता को सशक्त माध्यम बनाया है। वर्तमान में सरल केन्द्रों के माध्यम से 600 से अधिक नागरिक सुविधाओं व सेवाओं को समयबद्ध तरीके से उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। इसके साथ ही उनकी मॉनिटरिंग के लिए भी व्यवस्था की गई है। इन सभी नागरिक सुविधाओं व सेवाओं को ऑटो अपील सिस्टम से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा मिशन कर्मयोगी के तहत 900 मास्टर ट्रेनर तैयार किये जा चुके हैं । इसी श्रृंखला में अब तक 8622 अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक 3.50 लाख अधिकारियों व कर्मचारियों को मिशन कर्मयोगी के तहत प्रशिक्षित किए जाने की योजना है जिससे भ्रष्टाचार रोकने में बड़े पैमाने पर लाभ होगा।
व्यवस्था परिवर्तन से लगा है भ्रष्टाचार पर अंकुश : पुलिस महानिदेशक
इस दौरान कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र की नींव के लिए खतरा है और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में सभी को एकजुटता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल प्रदेश ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए व्यवस्था परिवर्तन का कार्य किया है। उन्होंने ऑटो अपील सिस्टम का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार नियंत्रित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इतना ही नहीं, एंटी करप्शन ब्यूरो में भी रैंक के अंतर को समाप्त करते हुए प्रक्रियात्मक परिवर्तन का कार्य किया गया। ब्यूरो का पुनर्गठन करते हुए रीजनल एंटी करप्शन ब्यूरो स्थापित किए गए।भ्रष्टाचार उन्मूलन के कार्य में पारदर्शिता व निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए चीफ विजिलेंस अफसरों की तैनाती की गई। इस अवसर पर नैतिक व्यवहार मूल्यों और कर्तव्यों को आत्मसात व भावनात्मक से ओतप्रोत लघु फिल्म दिखाई गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं राजस्व टीएसएन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका, एडीजीपी सीआईडी अालोक मित्तल, एडीजीपी ला एंड आर्डर ममता सिंह और डीआईजी एसीबी पंकज नैन मौजूद रहे।