चंडीगढ़, 22 दिसंबर। भाजपा के स्थानीय व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व मीडिया प्रभारी जसपाल सिंह ने बीजेपी नेता अरुण सूद की घेराबंदी कर डाली है।
जसपाल सिंह आरटीआई कार्यकर्ता व समाजसेवक भी हैं। उन्होंने भाजपा नेता अरुण सूद द्वारा जनता की समस्याएं सुनने व सुलझाने के लिए दफ्तर खोलने के मुद्दे पर हमला बोला है।
यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि महापौर और भाजपा प्रधान रहते हुए अरुण सूद ने स्थानीय जनता के काम करने-कराने की बजाए सिर्फ अपना और अपनों का भला करने में लगे रहे, जिस कारण आम जन में काफी रोष पैदा हो रहा था और आखिरकार उन्हें प्रधान पद से पार्टी हाईकमान को हटाना पड़ा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सूद ने अपने कार्यालय के उद्घाटन समारोह में भीड़ जुटाने के लिए पार्टी प्रधान के नाम का भी झूठा इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं किया।
जसपाल सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि अरूण सूद पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व भाजपा अध्यक्षों कमला शर्मा, यशपाल महाजन व संजय टंडन के साथ-साथ पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष कमल शर्मा जैसे कद्दावर नेताओं को यूज़ एंड थ्रो की पॉलिसी अपनाते हुए अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करने के बाद इन सभी को दरकिनार करके आगे बढ़ गए।
इसके अलावा अपने चहेतों जिनमें उनकी पत्नी के अलावा उमेश घई, महेंद्र कौर, डॉ. रमणीक बेदी, सतिंदर सिद्धू, संजय शर्मा, डॉ. अनीस गर्ग, हितेश पुरी व लक्ष्मीकांत तिवारी आदि शामिल हैं, पर पूरी मेहरबानियों की बरसात करते हुए विभिन्न पदों से नवाज कर उपकृत किया।
उन्होंने कहा कि अरुण सूद के स्वार्थी स्वभाव के कारण ही संजय टंडन के 2016 के निगम चुनाव में 20/26 वाले स्कोर के बजाए 2021 में भाजपा का स्कोर 12/35 ही रह गया।
जसपाल सिंह ने कहा कि पहले तो निगम चुनावों में टिकटों को बांटने में सूद ने मनमर्जी की। पार्टी के कमजोर प्रदर्शन के बाद भी सूद ने मनमानियां जारी रखते हुए मनोनीत पार्षद चुनने में भी किसी की नहीं चलने दी।
उन्होने अरूण सूद को जनता दरबार में जाने से पहले चंडीगढ़ की जनता के समक्ष उनकी कंपनी के साथ अपने भ्रष्टाचारी रिश्तों का खुलासा करने की चुनौती भी दी।