पोषण माह के दौरान कुपोषण के शिकार बच्चों की सेहत और तंदुरुस्ती पर दिया जायेगा विशेष ध्यान : डा. बलजीत कौर
चंडीगढ़, 5 सितम्बरः
मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के योग्य नेतृत्व और सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत विभाग द्वारा सितम्बर महीने को पोषण माह के तौर पर मनाया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पोषण माह कुपोषण के अधिक शिकार (एसएएम) और आंशिक तौर पर कुपोषण के शिकार (एमएएम) बच्चों की सेहत और तंदुरुस्ती पर ध्यान केंद्रित करने से सम्बन्धित है। पोषण अभ्यान गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं, किशोर लड़कियों और 6 साल से कम उम्र के बच्चों में पोषण सम्बन्धी नतीजों को संपूर्ण रूप में बेहतर बनाने का यत्न करता है।
डा. बलजीत कौर ने बताया कि महीना भर चलने वाली इस मुहिम को बड़े स्तर पर चलाने के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आर. बी. एस. के., ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, मछली पालन विभाग, कृषि विभाग, कौशल विकास विभाग, आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग के क्षेत्रीय स्टाफ की सेवाएं ली जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसको जन लहर में बदलने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग का स्टाफ आंगणवाड़ी वर्करों, हैल्परों, सुपरवाईज़रों और सीडीपीओज़ की तरफ से एन. जी. ओज, आशा वर्करों, एएनएमज़, कृषि सभाओं, सहकारी सभाओं, स्वै-सहायता समूहों, यूथ क्लबों आदि के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि पोषण माह के दौरान माँ का दूध पिलाना और संपूर्ण ख़ुराक देना, स्वस्थ बालक स्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी, मिशन लाईफ़ के द्वारा पोषण में सुधार करना, मेरी मिट्टी मेरा देश, कबिलायी लोगों में पोषण जागरूकता फैलाना और टैस्ट, ट्रीट, टाक अनीमिया विषयों पर केंद्रित गतिविधियों पर विचार किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इसके इलावा अनीमिया और उचित साफ़-सफ़ाई संबंधी जागरूकता फैलाने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। इसका उद्देश्य उनको कसरत और वातावरण सुधार के साथ-साथ सेहतमंद और पौष्टिक ख़ुराक की महत्ता के बारे जागरूक करना है।