पंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध - चीमापंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध - चीमा

चंडीगढ़, 19 फरवरी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में पंजाबी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। यह बात पंजाब के वित्त मंत्री स हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां अपने कार्यालय में केंद्रीय लेखक सभा (सेखों) के साथ बैठक के दौरान कही।

चीमा ने कहा कि राज्य सरकार सभी साहित्यिक सभाओं को साथ लेकर पंजाबी भाषा, संस्कृति, साहित्य और कला के लिए कार्य कर रही है। इस समय पंजाब कला परिषद के नेतृत्व में ‘पंजाब नव सृजना’ समारोहों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है, जिसके तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साहित्य, कला और संस्कृति से संबंधित कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर लेखक सभा द्वारा प्रस्तुत मांगों को पूरी गंभीरता से सुनने के बाद, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पंजाबी भाषा को सख्ती से लागू करने के लिए पहले ही कार्य कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने मौके पर ही भाषा विभाग के निदेशक को निर्देश दिया कि भाषा कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और जो भी विभाग या कर्मचारी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में पंजाबी भाषा में काम सुनिश्चित करने और पंजाबी में बोर्ड लगाने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

इसके बाद वित्त मंत्री और प्रवासी मामलों के मंत्री स कुलदीप सिंह धालीवाल की मौजूदगी वाली कैबिनेट सब-कमेटी ने पुनः बहाल किए जाने वाले कच्चे शिक्षक  यूनियन, संयुक्त आत्मा पंजाब एसोसिएशन और भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। कैबिनेट सब-कमेटी ने संगठनों के नेताओं को विश्वास दिलाया कि सरकार उनकी मांगों के प्रति पूरी सहानुभूति और सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संगठनों द्वारा उठाए गए मुद्दों और जायज़ मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

इस अवसर पर विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनुराग वर्मा, भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ज़फर और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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