डब्ल्यूएचओ- ऐमपावर पर वर्कशॉप शुरूडब्ल्यूएचओ- ऐमपावर पर वर्कशॉप शुरू

चंडीगढ़, 19 जून। पंजाब को तंबाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए शुरू किए अभियान के चलते स्वास्थ्य और परिवार भलाई मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में हुक्का बार पर पाबंदी लगाने सहित तंबाकू कंट्रोल में मिसाल कायम की है।

डा. बलबीर सिंह ‘इम्प्लीमेंटेशन ऑफ डब्ल्यूएचओ- एम पावर एंड फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन तंबाकू कंट्रोल ( डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी) आर्टिकल 5.3 ‘विषय पर करवाई तीन दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। यह वर्कशॉप डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के रिसोर्स सेंटर फार तंबाकू कंट्रोल ( आरसीटीसी) और वाईटल स्ट्रेटेजीज के सहयोग के साथ करवाई गई थी। वर्कशॉप में 12 अलग- अलग राज्य से 35 डेलिगेट्स ने भाग लिया।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी आर्टिकल 5.3 को लागू करने के लिए एमपावर्ड समिति का गठन किया था। उन्होंने कहा कि पंजाब ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत ई-सिगरेट को अप्रवानित नशा घोषित करने वाला पहला राज्य भी है।

उन्होंने कहा कि राज्य के कुल 865 गांवों ने पंचायतों द्वारा प्रस्ताव पास होने के बाद खुद को तंबाकू मुक्त गांव घोषित किया गया है।

मंत्री ने आरसीटीसी टीम को 2018 से तंबाकू कंट्रोल में अग्रणी भूमिका निभाने और इस महत्वपूर्ण वर्कशाप के आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने आरसीटीसी के विषय- आधारित न्यूजलेटर ‘तंबाकू- फ्री टाइम्स का 29वें ऐडिशन जिसमें देश की तंबाकू कंट्रोल गतिविधियों में डिजिटल दखल के बढ़िया अभ्यासों को संकलित किया गया है, भी जारी किया।

डिपार्टमेन्ट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और आरसीटीसी के डायरेक्टर प्रो. सोनू गोयल ने डब्लयूएचओ फसीटीसी आर्टीकल 5.3 की स्थिति, तम्बाकू के प्रयोग को रोकने के लिए अलग- अलग राज्यों द्वारा किए जा रहे यत्नों और इनसे शिक्षा लेने की महत्ता के बारे में विस्तार के साथ बताया।

उन्होंने पूरी सरकारी पहुंच के द्वारा तम्बाकू कंट्रोल को मजबूत करने, नेटवर्किंग और हिस्सेदारी को बढ़ाने और आरसीटीसी के द्वारा उपलब्ध स्रोतों जिसमें आनलाइन कोर्स और प्रकाशन शामिल है, के विस्तृत विवरण पर ज़ोर दिया। उन्होंने तम्बाकू ऐंडगेम हब जिसका उदेश्य आर्टीकल 5.3 पर राज्य- विशेष नीतियों को विकसित करना और सूबा स्तरीय निगरान प्रणाली स्थापित करना है, के निर्माण के बारे में बताया।

केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त उप महानिदेशक डा.एल सवासती चरण ने आर्टिकल 5.3 के महत्व व इसे लागू करने में तेजी लाने के लिए इस प्रकार की वर्कशॉप की जरूरत पर चर्चा की।

वर्कशाप में राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के प्रधान डा. राकेश गुप्ता, वाईटल स्ट्रैटिजीज़ के तकनीकी सलाहकार प्रवीन सिन्हा और डा. शिवम कपूर भी शामिल थे।

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