देहरादून, 8 जून। उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखंड की सख्ती का असर चारधाम यात्रा मार्गों और पर्यटन स्थलों में दिखाई दे रहा है।
खाद्य विभाग की टीमों के लगातार चल रही छापामार कार्रवाई, जगत जागरूकता अभियानों का असर है कि इस बार मिलावटी खाद्य पदार्थों और सामान पर काफी हद तक रोक लग गई है। विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही विभाग ने व्यापक तैयारियां कर ली थी।
उन्होंने बताया कि पिछली यात्राओं से मिले फीडबैक को इस बार की चारधाम यात्रा में शामिल किया गया। इसको लेकर मुख्यालय स्तर से लेकर जनपद स्तर तक व्यापक तैयारियां की गई। सीजन शुरू होने से पूर्व ही विभाग का अमला एक्शन में आ गया था और टीमों का गठन कर उन्हें यात्रा मार्गो पर कड़ी निगरानी रखने व छापेमारी के निर्देश दिये गये थे। रूद्रपुर और देहरादून में हाईटेक लैब होने से जांच में तेजी आई है। जांच में दोषी पाये जाने पर संबधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जिसका असर मिलावटखोरों में भी देखने को मिल रहा है।
डॉ. कुमार ने बताया कि इस बार विभाग ने यात्रा शुरू होने से पहले ही दो हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को राज्य के विभिन्न जनपदों में प्रशिक्षित करने का काम किया। अगर हम पिछले 12 दिनों से चल रहे विशेष अभियान की बात करें तों खानपान की सामग्री में मिलावट पिछले साल की अपेक्षा कम पाई गई है। पिछले 12 दिनों में यात्रा मार्ग हरिद्वार-ऋषिकेश से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के मार्गों में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों आदि से कुल 601 नमूने लिए गए। मौके पर ही खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांची गई। इनमें से 72 नमूने (लगभग 12 प्रतिशत) परीक्षण में मानकों के अनुरूप सही नहीं पाए गए। आयुक्त ने बताया कि इसके साथ ही जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 नमूने लिये जा चुके हैं। जिनमें से प्राप्त जांच रिपोर्ट 1040 हैं और अधोमानक नमूनों की संख्या 60 है। जांच में दोषी पाये जाने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं। दुग्ध उत्पाद, खाद्य तेल, मसाले निर्माण इकाइयों का समय-समय पर निरीक्षण कर नियमों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही फलों पर भी नजर रखी जा रही है। विभिन्न मंडियों से फलों के सैंपल लेकर लैब में उनकी जांच की जा रही है। उन्होंने आम जनता से भी जागरूक होने की अपील की और किसी भी तरह की समस्या या शिकायत के लिए विभागीय टोल फ्री नम्बर 180018004246 पर जानकारी देने की बात कही।
दूसरी ओर औषधि, मेडिकल उपकरण और कॉस्मेटिक उत्पादों के सैंपल लेकर उसकी भी जांच की जा रही है। विभाग नकली उत्पाद निर्माण में जुटी कंपनियों के खिलाफ अंकुश लगाने में जुटा हुआ है। नकली और मिलावटी उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने नकली दवा कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए विगत 03 साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं इनमें से 32 लोग जेल जा चुके हैं। लैब में ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है।