नड्डा ने हिमाचल से कांग्रेस को ललकारानड्डा ने हिमाचल से कांग्रेस को ललकारा

शिमला, 18 मई। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कांगड़ा के नूरपुर और चंबा तथा सोलन के कुनिहार में आयोजित विशाल जनसभाओं को संबोधित किया और हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोला ।

इस दौरान उन्होंने इंडी गठबंधन पर परिवारवादी, भ्रष्टाचारी तथा तुष्टिकरण की मानसिकता पर इंडी गठबंधन के घटक दलों को आड़े हाथों लिया। कार्यक्रमों के दौरान मंच पर प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, राज्यसभा सांसद श्री हर्ष महाजन, पूर्व प्रदेश स्पीकर विपीन सिंह परमार, लोकसभा प्रभारी अविनाश राय खन्ना, कांगड़ा लोकसभा प्रत्याशी राजीव भारद्वाज सहित पार्टी के अन्य मौजूद रहे।

नड्डा ने कहा कि जनता का उत्साह उमंग देखकर यह स्पष्ट होता है कि जनता ने भाजपा के सभी सीटों पर कमल खिलाने का मन बना लिया है। यह चुनाव केवल सांसद चुनने का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत बनाने का है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 10 वर्ष के नेतृत्व में राजनीति की चाल, चरित्र, रवैया, संस्कृति और परिभाषा बदल दी है। 10 वर्ष पूर्व सामान्य लोग ये मान चुके थे कि भारत में कुछ बदलने वाला नहीं है। आज प्रधानमंत्री के संकल्प से भारत बदल रहा है और लोगों में ये विश्वास आया है कि हम विकसित भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। पहले जाति, धर्म और क्षेत्र की राजनीति होती थी लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की राजनीति सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है। आज विकासवाद और रिपोर्ट कार्ड की राजनीति होती है। यह राजनीति का अंतर इसलिए आया क्योंकि नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति की परिभाषा और संस्कृति बदल दी है।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गांव, गरीब, दलित, वंचित, शोषित, पीड़ित, किसान, महिला और युवाओं को ताकत देने का कार्य किया है। महिलाओं के सरलीकरण करके सशक्तिकरण किया और आज उज्जवला योजना के माध्यम 10 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन मिले हैं। पहले 12 करोड़ बहनों के पास इज्जत घर नहीं था लेकिन, प्रधानमंत्री ने लाल किले से इज्जत घर देने का वादा किया था मगर कांग्रेसी उनकी इस बात का मजाक उड़ाते थे।

नड्डा ने कहा कि 1.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सुविधाएं प्रदान करने वाले ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। 2 लाखा गांव में कॉमन सर्विस सेंटर शुरू किया गया है। कांग्रेस भारत की क्षमताओं को कमजोर समझती थी और कहती थी कि एक ग्रामीण में इंटरनेट से क्या करेगा लेकिन, आज स्थिति बदल गई है और अब गरीब व्यक्ति भी डिजिटल भुगतान का उपयोग करता है। हाईवे, इंटरनेट, रेलवे और एयरवेज़ का विकास हो रहा है। हिमाचल में 400 करोड़ रुपये की लागत से आईआईएम बन रहा है। ऊना में पीजीआई का सेटेलाइट सेंटर खोला गया है। प्रदेश में 2000 करोड़ रुपये से ड्रग पार्क और 300 करोड़ रुपये से मेडिकल डिवाइस पार्क बनाए गए। 

उन्होंने कहा कि पिछले साल हिमाचल प्रदेश में भारी बाढ़ आई और मैंने व्यक्तिगत रूप से तीन बार दौरा किया और प्रधानमंत्री ने हर बार राज्य के राहत के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए और केंद्र ने भी बाढ़ राहत के लिए 1782 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 2700 किमी सड़कें बनाने के लिए फंड भी आवंटित किया गया है।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने हिमाचल में विकास के नए मानदंड स्थापित किये साथ ही आईआईटी और मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। विपक्ष की सरकारों में चंबा देश का सबसे अंतिम गांव माना जाता था लेकिन, मोदी सरकार ने चंबा के विकास के लिए अलग से बजट आवंटित करके इसे देश का पहला गांव बनाया। मोदी सरकार के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश की तस्वीर बदल रही है। हिमाचल में 75 सीमावर्ती गांव चुने गए हैं जहां विकास पर जोर दिया जा रहा है। 

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, चावल घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, 2-जी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला किया। कांग्रेस पार्टी राम विरोधी है, सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार ने भगवान श्री राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे और भगवान को काल्पनिक बताकर कोर्ट में हलफनामा दिया था। 

नड्डा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल जो पहले निर्भया मामले के दौरान धरने पर बैठे थे और अब उनके ही आवास में एक महिला सांसद के साथ मारपीट की गई है। ऐसे नेता सत्ता के लायक नहीं हैं क्योंकि वे जनता के मुकाबले अपने परिवार को प्राथमिकता देते हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस समय संविधान साथ लेकर घूम रहे हैं। बाबा साहेब ने हमारे संविधान में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत में धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होगा। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने आंध्र प्रदेश में चार बार धर्म आधारित आरक्षण लागू करने का प्रयास किया। इसके अतिरिक्त कर्नाटक में उनकी सरकार पिछड़े वर्गों से आरक्षण छीनकर वर्ग विशेष को आवंटित करने का प्रयास कर रही है।

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