शिमला, 1 मई। भारतीय जनता पार्टी विधायक व मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और सभी मंत्री अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हटते लेकिन, सच्चाई यह है कि आपदा राहत के लिए से मिले 1782 करोड़ रुपए में से सरकार ने 252 करोड़ रुपये आपदा राहत कोष के नाम पर भी जमा किए, परंतु अभी तक हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 1820 करोड़ रुपए ही खर्च किए है। केंद्र सरकार से आई राहत राशि और जनता से इकट्ठा किया गया धन भी पूरा खर्च नहीं कर पाई।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 7 लाख रुपए में मकान बनाने की घोषणा करने वालों ने अभी तक जनता को 3 लाख रुपये ही इस सरकार ने दिए, जिन लोगों की पूरी जमीन बर्बाद हो गई उनको नई जमीर देने का वादा करके भी अभी तक किसी को जमीन नहीं दी, किराए के मकान का किराया देने वालों के साथ वायदा करके किसी को कराया नहीं दिया जा रहा है और जो राहत राशि प्रभावितों को दी गई उसमें भी भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हो रहा है।
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने अपने इस कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में शुरू किए गए विकास कार्यों और प्रोजेक्टों में रोड़ा अटकाने का काम किया जा रहा हैं। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के प्रयास से कार्यरत भान्नुपली रेलवे निर्माणाधीन है। केंद्र सरकार ने इस रेलवे निर्माण के लिए 4938 करोड़ रूपये खर्च किए हैं और ये रेलवे लाइन 75 – 25 की औसत में काम करने के लिए प्रस्तावित हैं, इस रेलवे लाइन के लिए जमीन प्रदेश सरकार ने उपलब्ध करवानी है, लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में आई तब से अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है। पिछली भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल की सरकार ने 800 करोड़ रूपये लगभग देनदारी अदा की थी, परंतु इस कांग्रेस सरकार के समय एक भी पैसा नहीं देने के कारण अब यह देनदारी 1243 करोड़ पहुँच गई है जिसके कारण केंद्र सरकार विचार कर रही है कि इस पर निर्माण कार्य आगे शुरू रखा जाए या नहीं रखा जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो भी जन कल्याणकारी योजनाएं विशेषकर गरीब लोगों का 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में हो ऐसी आयुष्मान योजना शुरू की गई जिसके हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 33 हजार लाभार्थी हैं। इस योजना का 10 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश ने देना है वह भी नहीं दिया है जिसके कारण आयुष्मान योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश की देनदारी 50 करोड़ के लगभग पहुंच गई है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विधायक क्षेत्र विकास निधि की एक भी किस्त नहीं दी जिसमें प्रत्येक विधायक को 50 लाख प्रति माह प्रति विधानसभा क्षेत्र पर ये किस्त दी जाती है। उसका भी 34 करोड़ रूपये इस सरकार उन विधायकों को नहीं दिया। अभीतक 15 महीने में इस सरकार ने 21942 करोड़ रूपये का ऋण लेने के बाद भी अभी तक ये देनदारीयां बाकी है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने एक्साइज पॉलिसी में 40 प्रतिशत अधिक टैक्स लगाया है, मिल्क सेस के नाम पर 10 रूपये शराब की बोतल महंगी की, उससे 90 करोड़ से ज्यादा इकट्ठा किया व डीजल पर 7 रूपये लीटर स्टेट की तरफ से वैट लगाया लेकिन, करोड़ों रुपए वहां से आने के बावजूद भी ना तो प्रदेश में विकास के कार्य हो रहे हैं, न जनहित की योजनाएं चल रही है, न शुरू हुए संस्थान चला पा रहें है बल्कि इस सरकार ने 1500 संस्थानों को बंद करने का काम किया हैं और न ही केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में प्रदेश सरकार ने अपनी देनदारी दी।
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि यह वर्तमान कांग्रेस सरकार आर्थिक कुप्रबंधन का शिकार है। इस सरकार के समय भारी फाइनैंशल मिसमैनेजमेंट हो रही है जिसके कारण आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिला रहा हैं, विकास के कार्य ठप पड़े हैं, लेकिन सत्ता में बैठे लोग अपनी मौज मस्ती में व्यस्त है।