फसल खरीद सिस्टम से असंतुष्ट दुष्यंत चौटाला ने सरकार पर साधा निशानाफसल खरीद सिस्टम से असंतुष्ट दुष्यंत चौटाला ने सरकार पर साधा निशाना

चंडीगढ़, 21 अप्रैल। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि मौजूदा राज्य सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरसों को मंडियों में आए लगभग एक महीने का समय हो गया है लेकिन इसके बावजूद अभी तक किसानों की फसल मंडियों में पड़ी है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरसों के दो लाख बैग अकेले हिसार मंडी में है, दो एजेंसी हैफेड और वेयर हाउस कारपोरेशन को उठान का काम दिया गया है, लेकिन लिफ्टिंग नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि स्लो लिफ्टिंग और 25 क्विंटल से ज्यादा परचेज पर प्रतिबंध की शर्त लगाना किसानों के हित में नहीं है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जहां ओलावृष्टि नहीं हुई है, वहां 65 मण तक एक एकड़ में पैदावार आ रही है और ऐसी स्थिति के बाद भी इस तरह की पाबंदियां स्पष्ट दर्शाती हैं कि किसानों को लेकर सरकार की मंशा क्या है। दुष्यंत चौटाला रविवार को हिसार की अनाज मंडी में पहुंचे और फसल खरीद का जायजा लिया। उन्होंने सरसों और गेहूं की फसलों का अभी तक उठान न होने और सप्ताह में तीन दिन तक फसलों की सरकारी खरीद बंद करने को लेकर अधिकारियों से बातचीत की।

वरिष्ठ जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शनिवार को करनाल जिले में कई जगह ओलावृष्टि हुई है और वहां किसान के खेत में तो नुकसान आया ही है, उसके साथ मंडियों में पड़ा गेहूं भी खराब हुआ है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि तुरंत लिफ्टिंग करवा कर आगे ऐसी विपदा किसानों पर ना आए और इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व गठबंधन सरकार में फसल का 48 घंटे में भुगतान किसानों के खाते में करने और साथ के साथ मंडी में आई फसलों के उठान के लिए जो बेहतर व्यवस्था बनाई गई थी, उस मेकैनिज्म को मौजूदा सरकार पूरी तरह से फेल करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आज किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए न केवल लंबा इंतजार करना पड़ रहा है , बल्कि उनके खातों में आने वाली राशि में भी अब काफी देरी हो रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी को अधिकारियों के साथ बैठ कर समय निकालना चाहिए ताकि देश भर में सराहे गए फसल खरीद के हरियाणा के मैकेनिज्म का लाभ किसानों को मिले और हरियाणा का किसान अब और ज्यादा परेशान न हो।

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