चंडीगढ़, 24 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को प्रदेश की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने बीते वर्ष घोषणा की थी कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करते हुए हर जिले में सांझा बाजार खोले जाएंगे। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल जिले में पहले सांझा बाजार का आज उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इन समूहों की महिला सदस्यों को स्थायी आधार पर अपनी आजीविका कमाने के लिए इस नियमित बाजार में एक मंच पाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 6 जिलों में सांझा बाजार के लिए जगहों को चिन्हित कर लिया है। पहले चरण में बनने वाले इन सांझा बाजारों में हर एक में 10 कैबिन बनाए जाएंगे और आने वाले समय में आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाए जाएंगे। इन कैबिनों का प्रत्येक दिन का किराया मात्र सौ रुपये होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के तहत पूरे प्रदेश में 58 हजार ग्रुप बनाए गए हैं। इन समूहों में 6 लाख महिलाएं सदस्यों के रूप में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। इन 6 लाख महिलाओं में एक लाख महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। इसी चरण पर केंद्र सरकार की ड्रोन दीदी योजना के अनुसार प्रदेशभर में पहले चरण में 500 महिलाओं को ड्रोन की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्वयं सहायता समूहों को गांव के साथ-साथ शहरों में भी और बढ़ावा देने पर सरकार जोर दे रही है।
करनाल जिले में 5298 स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिनमें 57175 महिलाएं जुड़ी हुई हैं जोकि पूरे प्रदेशभर में सर्वाधिक आंकड़ा है। इसी कड़ी में 386 ग्राम संगठन बने हुए हैं और 17 कलस्टर लेवल फैडरेशन संचालन में हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से करनाल जिला में इन स्वयं सहायता समूहों को 5 करोड़ 82 लाख 80 हजार रुपये तथा ग्राम संगठनों को 7 करोड़ 57 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। इसी प्रकार 140 करोड़ रुपये की धनराशि ऋण के रूप में ग्रामीण गरीब महिलाओं को आजीविका हेतु करनाल जिला में उपलब्ध करवाई गई है। इन स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं को विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करके कृषि, गैर कृषि आजीविका गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 26 कैंटिनों का सफल संचालन सरकारी विभागों के कार्यालयों में किया जा रहा है। इसी कड़ी में 713 किचन गार्डन पर कार्य किया जा रहा है जिनमें समूहों की महिलाएं जहर मुक्त सब्जी उगाकर और उसे बेचकर अपनी आय में वृद्धि कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों की ये महिलाएं अपने हस्त निर्मित उत्पादों तथा अन्य विभिन्न योजनाओं के बारे में समाज में आमजन को जागरूक करने का भी काम कर रही हैं।