चंडीगढ़, 7 फरवरी। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज अंबाला में अपने आवास पर प्रदेश के कोने-कोने से आए सैकड़ों लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को कार्रवाई के दिशा-निर्देश दिए।
चरखी-दादरी से आए फरियादी ने गृह मंत्री अनिल विज को अपनी फरियाद देते हुए बताया कि महिला द्वारा उसे झूठे दुष्कर्म के मामले में फंसाया गया है। फरियादी का आरोप था कि महिला केस सेटल करने की एवज में 20 लाख रुपए मांग रही है। पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले में चरखी दादरी के एसपी को एसआईटी गठित कर मामले की पुनः जांच के निर्देश दिए।
पानीपत से आए फरियादी ने उसकी मां व पत्नी का नाम हत्या मामले में गलत डालने की शिकायत दी। फरियादी का आरोप था कि घटना के समय उसकी मां व पत्नी मौके पर मौजूद नहीं थी। गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले में एसपी, पानीपत को पुनः जांच के निर्देश दिए।
अमेरिका भेजने के नाम पर 53 लाख की ठगी, गृह मंत्री ने एसआईटी को जांच सौंपी
कुरुक्षेत्र से आए फरियादी ने शिकायत देते हुए बताया कि उसके बेटे को अमेरिका भेजने के नाम पर एजेंटों ने रुपयों की मांग की थी। उन्होंने 53 लाख रुपये एजेंटों को दिये। मगर अमेरिका भेजने के बजाए एजेंटों ने उसके बेटे को पहले दुबई भेज दिया, मगर बाद में देश वापस बुला लिया। अब वह पैसे मांगते हैं तो उन्हें धमकियां दी जा रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने मामले में कबूतरबाजी के लिए गठित एसआईटी को कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसी तरह, यमुनानगर से आए एक ठेकेदार (मिस्त्री) ने बताया कि उसने यमुनानगर में कोठी बनाने का ठेका लिया था और 8.82 लाख रुपए राशि मजदूरी बताई गई थी। मगर उसे 4.77 लाख रुपए मिले, शेष राशि जब वह मांगते हैं तो उन्हें मारने की धमकियां दी जा रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने एसपी, यमुनानगर को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
अन्य मामलों में भी कार्रवाई के निर्देश
जींद से आई महिला ने मारपीट मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने की शिकायत दी, करनाल से आए फरियादी ने धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में चालान पेश नहीं करने, रोहतक से आए मेडिकल कालेज के विद्यार्थियों ने कालेज प्रबंधन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने, सिरसा से आए परिवार ने झगड़े के मामले में जांच अधिकारी बदलने, कुरुक्षेत्र से आई महिला ने आत्महत्या मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने, यमुनानगर में खेतीबाड़ी की जमीन पर आरोपियों द्वारा कब्जा करने एवं अन्य मामले सामने आए जिन पर गृह मंत्री अनिल विज ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।