हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़े रिश्वतखोरहरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़े रिश्वतखोर

चंडीगढ़ 12 दिसंबर। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे अभियान के तहत आज हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम द्वारा गेल कंपनी के सुपरवाइजर नरेंद्र को ₹200000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

इस बारे में जानकारी देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सूचना के आधार पर आरोपी को पकड़ने के लिए योजना बनाई और उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने में सफलता हासिल की। आरोपी सुपरवाइजर नरेंद्र ने भूमि के जिस हिस्से से गैस पाइपलाइन पहले से ही गुजर रही थी वहां से बिजली की लाइन बिछाने की एवज में शिकायतकर्ता से ₹500000 की रिश्वत की मांग की थी जिसमें से ₹200000 की राशि लेते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह पूरी कार्रवाई पूरी पारदर्शिता बरतते हुए निष्पक्ष रूप से की गई।

इस मामले में आरोपी के खिलाफ गुरुग्राम के एंटी करप्शन ब्यूरो पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करते हुए उसकी गिरफ्तारी की गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा सभी आवश्यक सबूत जुटाते हुए मामले की जांच की जा रही है।

रिश्वतखोरों के खिलाफ अभियान में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरों को पकड़ा।
एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम ने अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इन आरोपियों द्वारा क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण रेवाड़ी तथा नूह के स्टाफ द्वारा वाहनों के चालान न करने की एवज में प्रति माह 6000 रुपये तथा 11000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
ब्यूरो के प्रवक्ता के अनुसार पहले मामले में तौफीक नामक निजी व्यक्ति द्वारा शिकायतकर्ता से माइनिंग स्टाफ, नूंह द्वारा वाहनों के चालान न करने की एवज में 6000 रुपये प्रति माह की रिश्वत की मांग की गई थी। आरोपी द्वारा यह पैसा शिकायतकर्ता से फोन पे के माध्यम से लिया था।
इस पर कार्यवाही करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम की टीम द्वारा तौफीक को 10 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया।
एक अन्य मामले में आरोपी मनोज को 11000 रुपये प्रति माह रिश्वत की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपी द्वारा क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण रेवाड़ी स्टाफ द्वारा वाहनों के चालान न करने की एवज में 11000 रुपए प्रति माह रिश्वत की मांग की गई थी। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आरोपी मनोज को फोन पे के माध्यम से 11000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है।

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