पंजाब सरकार सडक़ हादसों के पीडितों की जान बचाने वालों को 5-5 हज़ार रुपए ईनाम देने की स्कीम करेगी लागू

चंडीगढ़, 26 जुलाई:
मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार सडक़ हादसों में राज्य के लोगों की जान बचाने के लिए एक नई स्कीम लागू करने जा रही है जिसके तहत सडक़ हादसों के पीडितों की जान बचाने वाले मददगार व्यक्तियों को 5-5 हज़ार रुपए ईनाम राशि के तौर पर दिए जाएंगे।
यहां पंजाब भवन में ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह की अध्यक्षता में पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा कौंसिल की मीटिंग के दौरान यह फ़ैसला लिया गया। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत मददगार व्यक्ति को अस्पताल के डाक्टर या पुलिस द्वारा “गुड्ड समारीटन सर्टीफिकेट” दिया जाएगा जिसके साथ वह डिप्टी कमिशनर दफ़्तर के जरिए यह राशि लेने के योग्य होगा।
पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा कौंसिल के चेयरमैन स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि इस स्कीम से सडक़ हादसों में ज़ख्मी हुए लोगों की समय रहते जान बचाने की प्रक्रिया को उत्साह मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस स्कीम का प्रमुख उद्देश्य नकद पुरुस्कार और सर्टिफिकेट देकर आम लोगों का मनोबल बढ़ाना है ताकि वह सडक़ हादसों के पीड़ित की एमरजैंसी स्थिति में मदद करने के लिए उत्साहित हो सकें।
मीटिंग के दौरान देश में पर्यटन के दूसरे सबसे बड़े केंद्र अमृतसर के लिए “ट्रैफिक़ प्रबंधन योजना” को भी स्वीकृति दी गई जिसके तहत अमृतसर को “मॉडल ट्रैफिक़ सिटी” बनाने के लिए 2.56 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। इस राशि के साथ “सडक़ सुरक्षा और एक्सीडेंट रिस्पांस यूनिट” गठित करने सहित सडक़ीय ट्रैफिक़ प्रबंधन, ऐंबूलैंसों और रिकवरी वैनों की खरीद के अलावा यातायात से संबंधित अन्य कार्य किए जाएंगे। कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि इस प्राजैक्ट के लागू होने से जहां अमृतसर शहर में ट्रैफिक़ की समस्या दूर होगी, वहीं विश्व स्तर पर शहर का परिदृश्य और भी सुंदर बनेगा।
स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि “ज़िला सडक़ सुरक्षा समितियों” के लिए डिप्टी कमीश्नरों को पहले पड़ाव के तहत 4 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बड़े ज़िलों को 20-20 लाख रुपए और छोटे ज़िलों को 15-15 लाख रुपए की राशि दी गई है। मंत्री ने बताया कि इस राशि से ज़िलों में सडक़ सुरक्षा और ट्रैफिक़ में सुधार सहित सडक़ सुरक्षा के लिए जागरूकता मुहिम चलाई जाएगी।
इसी दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने बताया कि सडक़ हादसों के पीडितों के लिए स्थापित किए गए राज्य के पांच ट्रामाकेयर सैंटरें को जल्दी नई मशीनेंं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि समर्पित संस्था और आधुनिक एमरजैंसी देखभाल सुविधांओं के जरिए 10 में से 3 जानें सीधे तौर पर बचाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पांच ट्रौमा केयर सैंटर खन्ना, जालंधर, पठानकोट, फिऱोज़पुर और फाजिल्का में बने हुए हैं और इन सैंटरें में समर्पित स्टाफ की भर्ती के लिए प्रक्रिया जारी है।
दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने ट्रांसपोर्ट विभाग के आधिकारियों को निर्देश दिए कि वह सरकारी वाहनों में प्राथमिक सहायता किट यकीनी बनायेें। उन्होंने सरकारी ड्राइवरों के लिए प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण ज़रूरी करने हेतु कार्यवाई करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजों पर भीड़ होने की स्थिति में एक एमरजैंसी लेन खाली रखी जाए ताकि एमरजैंसी की स्थिति में एंबुलेंस को निकलने में कोई दिक्कत न आए।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि चालान करने की प्रक्रिया में देरी के मद्देनज़र ट्रैफिक़ पुलिस को 500 ई-चलानिंग मशीनें दी गई हैं और 2500 ओर मशीनें जल्दी ही ट्रैफिक़ पुलिस को दी जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि मोहाली में इसी साल दिसंबर महीने से सी.सी.टी.वी. कैमरों के जरिए चालान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-22 के समय के दौरान शिनाख़्त किए गए अधिक हादसों वाले स्थानों (ब्लैक सपाटस) को दुरुस्त कर दिया गया है और नए शिनाख़्त किए गए 277 अन्य ब्लैक सपाटस को ठीक करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव ट्रांसपोर्ट स. दिलराज सिंह संधावालीया, डायरैक्टर जनरल लींड एजेंसी श्री आर. वेंकट रतनम, ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) श्री ए.एस. राय, सचिव ख़र्चा श्री मुहंमद तय्यब, पंजाब हैल्थ सिस्टमज़ निगम के एमडी श्री प्रदीप अग्रवाल, स्टेट हैल्थ एजेंसी की सीईओ श्रीमती बबीता और एन.एच.ए.आई. सहित लोक निर्माण विभाग (बी.एंड.आर), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पंजाब मंडी बोर्ड आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।