देहरादून, 12 जून। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण, सिंचाई, पशुपालन, स्कूली शिक्षा, कौशल तथा तकनीकी शिक्षा विभाग को 24 घंटे की डेडलाइन देते हुए अवशेष 383.11 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तत्काल नाबार्ड को भेजने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने 31 जुलाई की समयसीमा निर्धारित करते हुए सभी विभागों को वित्त विभाग को डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने विभागों को भविष्य में नाबार्ड की समयसीमा के अनुसार ही अपने प्रोजेक्ट के बजट बनाकर समयबद्धता से भेजने, प्रोजेक्ट के प्रस्ताव, आहरण, प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टिफिकेट (पीसीसी), प्रोजेक्ट कंपलीशन रिपोर्ट (पीसीआर) को ऑनलाइन जमा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने विभागों को प्रोजेक्ट पूरे होने पर एक सप्ताह के भीतर प्रोजेक्ट कंपलीशन सर्टिफिकेट तथा 6 माह के भीतर प्रोजेक्ट कम्पलीशन रिपोर्ट (पीसीआर) जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही विभागों को शहरी अवसंरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) के तहत पार्किंग, मलिन बस्तियों के पुनर्विकास एवं शहरी वनीकरण के प्रोजेक्ट को शीर्ष प्राथमिकता पर नाबार्ड को भेजने के निर्देश दिए हैं।
सीएस ने विभागों को सख्त हिदायत दी है कि नाबार्ड को सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाले तथा योग्य प्रोजेक्ट ही प्रस्तावित किए जाने चाहिए। प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता भी विभागों द्वारा ही तय की जानी चाहिए तथा विभागों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि फंडिंग की डुप्लीकेसी न हो। उन्होंने अपेक्षाकृत छोटे प्रोजेक्ट को नाबार्ड में प्रस्तावित न करने का सुझाव दिया है।
मुख्य सचिव ने विभागों को दिए गए लक्ष्य के 50 प्रतिशत प्रोजेक्ट 30 जून, 60 प्रतिशत प्रोजेक्ट 31 जुलाई तथा 100 प्रतिशत प्रोजेक्ट 15 अगस्त तक वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वित्त विभाग को भी प्रतिपूर्ति (reimbursement) के लिए बिल नाबार्ड में जमा कराने हेतु प्रत्येक चार माह का टारगेट दिया है।
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि reimbursement लेने में असफल होने वाले विभागों को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा। उन्होंने सिंचाई विभाग को जल स्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण के प्रोजेक्ट नाबार्ड हेतु प्रस्तावित करने के निर्देश दिए।