चंडीगढ़ ,9 दिसंबर। कुरुक्षेत्र के गीता महोत्सव के सरस मेले पर जहां कलाकारों की कला नजर आ रही है, वहीं पर्यटकों की भीड़ भी नए रिकॉर्ड बनाने को आतुर है। इसके साथ-साथ महोत्सव में प्लास्टिक मुक्त हरियाणा की मुहिम को चलाए हुए महिलाएं जूट से बने बैग को लेकर महोत्सव में पहुंची है।
इन महिलाओं का कहना है कि प्लास्टिक का हमारे शरीर और पर्यावरण पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें महोत्सव में पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
श्रीराम स्वयं सहायता समूह से जूट से बने बैग लेकर महोत्सव में पहुंची गांव लाखन माजरा रोहतक की आशा ने बातचीत करते हुए कहा कि वह महोत्सव में पर्यटकों के लिए जूट से बने विभिन्न प्रकार बैग लेकर ब्रह्मसरोवर के उत्तर-पश्चिम स्टॉल नंबर 831 पर पहुंची है। उनके स्वयं सहायता समूह द्वारा पर्यटकों को पॉलिथीन का प्रयोग ना करने और जूट से बने बैगों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उनके द्वारा इन बैगों को बनाने के लिए ऊन के धागे का इस्तेमाल किया गया है और इन बैगों को बनाने में प्लास्टिक का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।
उनके स्वयं सहायता समूह में कई महिलाएं मिलकर काम करती है और उनके समूह द्वारा महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे है। उनके समूह में करीब 20 महिलाएं काम कर रही है। उनके ग्रुप द्वारा ग्राहकों को प्लास्टिक मुक्त हरियाणा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ स्वच्छ भारत-हमारा भारत का संदेश भी दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को रोजगार मिलने से वह अपने परिवार की आजीविका को आसानी से चला सकती है। उनके द्वारा बनाए गए जूट के बैग की कीमत 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक रखी गई है। वह पिछले 6 साल से इस महोत्सव में आ रही है।
सरकार द्वारा उनके समूह को जूट से बने समान बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके साथ-साथ सरकार द्वारा निम्न दरों पर बैंकों के माध्यम से ऋण भी उपलब्ध करवाया गया है। राज्य सरकार द्वारा उनको स्वरोजगार के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने पर 1 लाख रुपए की इनाम राशि भी प्रदान की गई है। उनके स्वयं की दुकान भी है, जिसपर वे प्रति महीना 15 से 20 रुपए की कमा लेते है। इस महोत्सव में उनकी अभी तक करीब 70 हजार रुपए की सेल हो चुकी है।