हरियाणा में करोड़ों के कॉन्ट्रैक्ट व खरीद मंजूरहरियाणा में करोड़ों के कॉन्ट्रैक्ट व खरीद मंजूर

चंडीगढ़, 5 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी), विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी) तथा हाई पावर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में कुल मिलाकर 2050 करोड़ रुपये से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट तथा विभिन्न वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी गई। 

बैठक में 729 करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न जलापूर्ति व सीवरेज प्रबंधन परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोशिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 36 करोड़ रुपये की बचत की गई है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री महीपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, रणबीर गंगवा और श्रुति चौधरी भी मौजूद रहे। बैठक में विभिन्न विभागों के 49 एजेंडा रखे गए, जिसमें से 45 मंजूर किए गए।

बैठक में 90 करोड़ रुपये की लागत से जींद शहर में 60 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, 15 करोड़ रुपये की लागत से जिला रेवाड़ी के 7 गांवों में नहर आधारित जल आपूर्ति योजना का विकास तथा 96.95 करोड़ रुपये की लागत से पलवल और नूहं में जलापूर्ति में वृद्धि के लिए गांव चांदहट और जनाचोली में 4 रैनीवेल के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इनके अलावा, अन्य परियोजनाओं में गांव बहल में जल आपूर्ति योजना का विस्तार, सीवरेज सुविधाएं और एसटीपी बनाना, महाग्राम योजना के तहत गांव मालब, जिला नूंह में सीवरेज सुविधाएं और सीवरेज उपचार संयंत्र स्थापित करना, फिरोजपुर झिरका शहर (अमृत-2.0 के तहत) के लिए ट्यूबवेल ड्रिलिंग, 2 भूमिगत टैंक और पंपिंग मशीनरी का कार्य, भट्टू कलां में 4 एमएलडी क्षमता का एसटीपी निर्माण, गन्नौर में 3 एमएलडी डब्ल्यूटीपी और वितरण पाइप लाइन बिछाने सहित वाटर वर्क्स और बूस्टिंग स्टेशन संरचनाओं का निर्माण तथा जगाधरी और यमुनानगर में औद्योगिक अपशिष्ट सहित सीवेज के लिए 19.50 एमएलडी क्षमता का एफलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शामिल है।

बैठक में बाबा सरसाई नाथ राजकीय मेडिकल कॉलेज, सिरसा के निर्माण हेतु ईपीसी कॉन्ट्रैक्टर को मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 832 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह 24 महीनों में बनकर तैयार होगा।
बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के 249.77 करोड़ रुपये के 11 प्रोजेक्ट को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसमें 16.40 करोड़ रुपये की लागत से केंद्रीकृत एकीकृत जल प्रबंधन प्रणाली (सीआईडब्ल्यूएमएस) की आपूर्ति, स्थापना, एकीकरण और कमीशनिंग के लिए कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी गई। इनके अलावा, लगभग 170 करोड़ रुपए की लागत से 174 किलोमीटर की 6 सड़क परियोजनाओं के पुनः निर्माण, सुदृढ़ीकरण और मरम्मत कार्य को भी मंजूरी दी गई। इनमें मुख्यत: द्वारका एक्सप्रेस-वे से आईएमटी मानेसर तक सड़क का पुन: निर्माण और महरौली रोड दिल्ली हरियाणा बॉर्डर से इफको चौक तक तथा सेक्टर 58 से 67 तक सर्विस रोड का पुनः निर्माण शामिल है।

इसके अलावा, 17.34 करोड़ रुपये की लागत से गुरुग्राम के सेक्टर-48 में ई-बसों के लिए बस डिपो का विकास, गुरुग्राम के सेक्टर 68-95 में जीएमडीए क्षेत्र में 19.73 करोड़ रुपये की लागत से बस क्यू शेल्टर व सेक्टर 99-115 में द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ 17.35 करोड़ रुपये की लागत से बस क्यू शेल्टर के निर्माण करने को भी मंजूरी दी गई। जीएमडीए क्षेत्र में फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) के निर्माण कार्य को भी स्वीकृति दी गई।

बैठक में हरियाणा सरकार को झारखंड के दुमका जिले में आवंटित कल्याणपुर-बादलपाड़ा कोयला ब्लॉक के लिए खदान डेवलपर एवं ऑपरेटर (एमडीओ) के चयन को भी अंतिम रूप दिया गया। एमडीओ पहले चरण में इस कोयला ब्लॉक में कोयले की मात्रा तथा उसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा। इसके अलावा बैठक में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए (समूह-1) के अंतर्गत कक्षा 1, 2, 7 और 8 तथा (समूह-ई II) के अंतर्गत कक्षा 3, 4, 5 और 6 के लिए पाठ्य पुस्तकों/कार्य पुस्तकों की छपाई और आपूर्ति के लिए भी दरों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए कि पुस्तकों की कागज की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए तथा समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।

बैठक में हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (हरसैक), सीसीएसएचएयू परिसर, हिसार के लिए 128 जीबी रैम के 66 वर्कस्टेशन तथा  256 जीबी रैम के 44 वर्कस्टेशन की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी संस्थानों में स्थापित आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और कोर आईटी उपकरणों के रखरखाव के लिए भी एजेंसी को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में पिराई सत्र 2024-25 के लिए पीपी बैग और जूट बैग की खरीद को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद थे।

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