गुरमिन्दर सिंह को पंजाब का नया एडवोकेट जनरल नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है।
चंडीगढ़, 5 अक्तूबरः
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने आज गुरमिन्दर सिंह को पंजाब का नया एडवोकेट जनरल नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है।
इस संबंधी फ़ैसला आज सुबह यहाँ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके निवास स्थान पर मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
मंत्रीमंडल ने पद छोड़ रहे एडवोकेट जनरल विनोद घई का इस्तीफ़ा भी मंज़ूर कर लिया है जिन्होंने निजी कारणों से इस्तीफ़ा दिया है। इस दौरान प्रसिद्ध वकील गुरमिन्दर सिंह के नाम को राज्य के सबसे बड़े कानूनी पद के लिए मंज़ूरी दी गई है।
मंत्रीमंडल ने कहा कि पंजाब के पास किसी राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं जिस कारण सतलुज यमुना लिंक (एस. वाई. एल.) नहर के निर्माण का सवाल ही पैदा नहीं होता। मंत्रीमंडल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सतलुज दरिया पहले ही सूख चुका है और पंजाब के पास किसी और राज्य के साथ एक बूँद भी सांझा करने का सवाल ही पैदा नहीं उठता। पंजाब के पास हरियाणा के साथ सांझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक पानी की मौजूदगी के बारे फिर मूल्यांकन करने की ज़रूरत है। मंत्रीमंडल ने यह नुकते पर भी विचार किया कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लाक (153 में से 117) खतरे की कगार पर हैं जबकि धरती में से 100 प्रतिशत से अधिक पानी निकाला जा रहा है। दूसरी तरफ़ हरियाणा में सिर्फ़ 61.5 प्रतिशत ( 143 में से 88 ब्लाक) खतरे की स्थिति में हैं।
मंत्रीमंडल ने राज्य की जेलों में उम्र कैद की सज़ा भुगत रहे दो कैदियों की आगामी रिहाई केस भेजने के लिए भी सहमति दे दी है। मंत्रीमंडल की मंज़ूरी के बाद आगामी रिहाई केस भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन विचारने के लिए पंजाब के राज्यपाल को भेजे जाएंगे।
पंजाब निवासियों को बड़ी राहत देते हुये मंत्रीमंडल ने शहरी इलाकों ( नगर निगम और क्लास- 1 नगर परिषदों) में 31 दिसंबर, 2023 तक जायदाद की रजिस्ट्रेशन पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त स्टैंप ड्यूटी ( सामाजिक सुरक्षा फंड) से छूट देने की मंजूरी दे दी है। लोगों के बड़े हितों के मद्देनज़र मंत्रीमंडल ने भारतीय स्टैंप एक्ट- 1899 की धारा 3 सी और शड्यूल 1 बी जोकि भारतीय स्टैंप एक्ट, 1899 के अधीन वसूलने योग्य है, को ख़त्म करने के लिए मंज़ूरी दे दी है। इस कदम से शहरी इलाकों (नगर निगम और क्लास- 1 नगर परिषदों) के अंदर ज़मीन खरीदने वालों को छूट मिलेगी।
मंत्रीमंडल ने पंजाब गुड्डज़ एंड सर्विसज़ टैक्स (संशोधन) बिल- 2023 को पेश करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है जिससे जी. एस. टी. कौंसिल के आदेशों के मुताबिक पंजाब गुड्डज़ एंड सर्विसज़ में ज़रूरी संशोधन किये जाऐगे। टैक्सदाताओं की सुविधा और कारोबार को आसान बनाने को उत्साहित करने के लिए पंजाब जी. एस. टी. एक्ट- 2017 में कुछ संशोधन करने का प्रस्ताव है जिनमें जी. एस. टी. अपील ट्रिब्यूनल और इसके राज्य बैंचों का गठन, कुछ अपराधों को ग़ैर-आपराधिक बनाना, छोटे व्यापारियों को ई-कामर्स ऑपरेटरों की तरफ से माल की सप्लाई करने की सुविधा, जानकारी की सहमति आधारित शेयरिंग और आनलाइन गेमिंग और टैक्स के लिए कानूनी व्यवस्थाएं आदि शामिल हैं।
हाल ही में हुई ‘सरकार- उद्योगपति मिलनियों’ के दौरान उद्योगपतियों के साथ किये वायदे के मुताबिक मंत्रीमंडल ने मौजूदा स्टैंडलोन इमारतों को रेगुलर करने की नीति को हरी झंडी दे दी है। यह फ़ैसला म्यूंसपल हद, अर्बन अस्टेट और औद्योगिक फोकल प्वाइंट से बाहर बिना मंजूरी से बनाईं स्टैंडलोन इमारतों पर लागू होगा जिनमें होटल, मल्टीप्लेक्स, फॉर्महाउस, शिक्षा, मैडीकल और औद्योगिक संस्थाएं और अन्य इमारतें शामिल हैं। इस नीति अनुसार अब तक बिना मंजूरी से बनाईं गई स्टैंडलोन इमारतों को रेगुलर करवाने के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक अप्लाई करने का मौका दिया जायेगा। इस नीति के अंतर्गत इमारत के मंतव्य अनुसार अपेक्षित अलग-अलग सी. एल. यू., ई. डी. सी., एस. आई. एफ., रैगूलराईजेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस और माइनिंग चार्ज जो भी लागू हों, जमा करवाने के मौके पर सम्बन्धित दस्तावेज़ जमा करवा कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इस नीति अनुसार प्राप्त होने वाले मामलों का निपटारा छह महीनों के अंदर किया जायेगा।