चंडीगढ़, 10 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने डॉक्टरों से आग्रह किया है कि वे अपनी हड़ताल वापस लेकर तुरंत अपने-अपने कार्यस्थलों पर लौट आएँ ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री आज यहां किसानों को मुआवजा राशि जारी करने उपरान्त पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की मुख्यतः चार मांगें थीं, जिनमें से तीन मांगें सरकार द्वारा स्वीकार की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के स्पेशलाइज्ड कैडर के गठन की मांग पर वित्त विभाग 16 अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी कर चुका है।इसी प्रकार, हॉस्पिटल ड्यूटी से बाहर जाने पर यात्रा भत्ता प्रदान करने संबंधी मांग पर भी 25 अक्टूबर 2024 को अधिसूचना जारी हो चुकी है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि एसएमओ की सीधी भर्ती न करने की मांग पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अन्य राज्यों में इस सम्बन्ध में प्रचलित व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जा रहा है और रिपोर्ट आने तक प्रदेश में एसएमओ की सीधी भर्ती स्थगित रहेगी। उनकी चौथी मांग, एसीपी संरचना में बदलाव, फिलहाल स्वीकार नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी प्रकार की राजनीति से दूर रहें। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार सुधार हुआ है और प्रदेश के लोगों का रुझान भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की ओर बढ़ा है। इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों को बधाई भी दी।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर सत्यापन के बाद रकबे में कमी आने संबंधी प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पोर्टल खोलने के समय कई जिलों में लगातार बारिश और जलभराव था। जैसे-जैसे पानी निकला, कई स्थानों पर धान की फसल को वास्तविक नुकसान नहीं हुआ, जबकि किसानों ने प्रारंभिक चिंता के आधार पर पोर्टल पर खराबा दर्ज कराया था।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल में अनियमितताओं के चलते पटवारी निलंबन के सम्बन्ध में पूछे गए एक अन्य प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को नुकसान होने पर मुआवजा देना सरकार की जिम्मेदारी है और यह कार्य सरकार लगातार कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर पटवारियों द्वारा अनियमितताएं सामने आई हैं। यह तरीका कांग्रेस शासनकाल की सोच थी, परंतु अब ऐसी गड़बड़ियों की कोई जगह नहीं है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने समय रहते ड्रेनों की नियमित सफाई करवाई जिसके कारण किसानों की फसलों को बारिश में अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, नगर एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव प्रभजोत सिंह, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री पार्थ गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्रीमती वर्षा खांगवाल, मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव श्री प्रवीण आत्रेय, कृषि विभाग के निदेशक राज नारायण कौशिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

