चंडीगढ़, 23 नवंबर। हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने श्रम कानूनों में ऐतिहासिक एवं व्यापक सुधार किए हैं, जिनका सबसे बड़ा लाभ देश के करोड़ों श्रमिकों को मिला है। अब हर श्रमिक को एम्प्लॉयमेंट लेटर, भविष्य निधि (पीएफ) खाता, ईएसआईसी- स्वास्थ्य सुविधा और न्यूनतम वेतनमान की कानूनी गारंटी मिलेगी।
विज मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
कांग्रेस सरकारों ने श्रमिकों को नजरअंदाज किया, क्योंकि वे बड़े सेठों के साथ उठते-बैठते थे- विज
कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में श्रमिक वर्ग को हमेशा नजरअंदाज किया गया, क्योंकि कांग्रेस नेता “बड़े-बड़े सेठों” के साथ उठते-बैठते थे और आम श्रमिक की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ने कभी आम आदमी के बारे में नहीं सोचा। उनकी पुरानी तस्वीरें उठा कर देख लो, उनके आसपास सिर्फ बड़े उद्योगपति दिखेंगे, आम मजदूर नहीं।”
“देश की तरक्की श्रमिक और उद्योग संचालकों के अच्छे संबंधों से होती है” – विज
विज ने कहा कि किसी भी देश की उन्नति का आधार वहां के श्रमिक और उद्योग संचालकों के मध्य स्थापित सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने बताया कि भारत में श्रमिकों से जुड़े कई कानून ब्रिटिश काल या पुराने समय के थे, जिन्हें बदलना आवश्यक था। मोदी सरकार ने इन पुरानी बाधाओं को समाप्त करते हुए व्यवहारिक, आधुनिक और श्रमिक हितैषी कानून बनाए हैं।
“विशेष सुरक्षा प्रावधानों के साथ-अब महिलाओं को मिलेगी नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति”- विज
उन्होंने बताया कि पुराने कानूनों के कारण महिलाएं रात की ड्यूटी नहीं कर सकती थीं, जिससे उनकी रोजगार संभावनाएँ सीमित थीं। नई व्यवस्था में सरकार ने सुरक्षा और सुविधाओं की शर्तों के साथ महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी है। यह महिलाओं को समान अवसर और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
“समान काम-समान वेतन की नीति लागू”
विज ने कहा कि कई श्रमिकों को पहले वेतन, काम के घंटे और अन्य अधिकारों को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ता था। अब ‘समान काम-समान वेतन’ का सिद्धांत लागू कर दिया गया है, जिससे लाखों श्रमिकों को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने कानून में स्पष्ट कर दिया है कि हर उद्योग, दुकान या किसी भी संस्थान में काम करने वाले श्रमिक को अनिवार्य रूप से एम्प्लॉयमेंट लेटर देना होगा। इससे श्रमिकों को नौकरी की स्थिरता, कानूनी सुरक्षा और लाभों का स्पष्ट अधिकार मिलता है। विज ने इसे श्रमिकों का “मौलिक अधिकार” बताया।
विज का आरोप- “कांग्रेस श्रमिक विरोधी और सेठ समर्थक”
जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में श्रमिकों के लिए क्या किया, तो विज ने दो-टूक कहा कि “कांग्रेस सिर्फ बड़े सेठों की पार्टी रही है। उन्होंने कभी आम श्रमिक के हित के बारे में नहीं सोचा। उनकी प्राथमिकता मजदूर नहीं, बड़े उद्योगपति रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक एवं दूरदर्शी निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि चार नई श्रम संहिताएँ—वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020; तथा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020—को 21 नवंबर 2025 से लागू किया जा रहा है। इन संहिताओं के लागू होने से देश के 29 पुराने और बिखरे हुए श्रम कानूनों का सरलीकरण और तर्कसंगत एकीकरण हो जाएगा।
सरकार का यह कदम न केवल श्रम कानूनों को आधुनिक, पारदर्शी और श्रमिक हितैषी बनाता है, बल्कि तेजी से बदलती कार्य-प्रणालियों और औद्योगिक वातावरण के अनुरूप भी तैयार करता है। इससे एक ओर श्रमिकों के अधिकार सुरक्षित होंगे, तो दूसरी ओर उद्योगों को स्थिर, लचीला और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण प्राप्त होगा।
इन संहिताओं के लागू होने से भारत में एक भविष्य-तैयार वर्कफोर्स का निर्माण होगा, जो बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने में सक्षम होगा। साथ ही, यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में श्रम सुधारों को नई गति और मजबूती प्रदान करेगा।

