पंचकूला, 21 नवंबर। डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट-कम-सेक्रेटरी अजय कुमार घनघस ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी द्वारा आज एडीआर सेंटर, लिटिगेंट हॉल, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में एक अवेयरनेस वर्कशॉप आयोजित की गई ।
यह वर्कशॉप महिला कर्मचारियों के साथ-साथ इंटरनल कमेटियों के सदस्यों में द सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वुमन एट वर्कप्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल) एक्ट, 2013 के प्रोविज़न और फंक्शनिंग के बारे में अवेयरनेस पैदा करने के मकसद से ऑर्गेनाइज की गई थी।
यह प्रोग्राम कर्मचारियों को वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ महिलाओं के लिए उपलब्ध लीगल सेफगार्ड के बारे में जागरूक करने और सरकारी और उससे जुड़े इंस्टीट्यूशन्स में एक सेफ, सिक्योर और जेंडर-न्यूट्रल वर्किंग एनवायरनमेंट सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। वर्कशॉप में एक्ट के अनुसार सरकारी विभाग और ऑर्गनाइजेशन में इंटरनल कमेटियों के जरूरी गठन पर ज़ोर दिया गया, साथ ही उनकी भूमिका, ज़िम्मेदारियों, रिपोर्टिंग प्रोसेस, रिकॉर्ड मेंटेनेंस और शिकायतों की जांच और रिड्रेसल के लिए कानूनी टाइम-बाउंड मैकेनिज्म पर भी ज़ोर दिया गया।
सुमिता वालिया और सोनिया सैनी ने वर्कशॉप के लिए रिसोर्स पर्सन के तौर पर काम किया और पार्टिसिपेंट्स को एक्ट के अलग-अलग ज़रूरी पहलुओं पर बताया। उन्होंने सेक्सुअल हैरेसमेंट की परिभाषा और उसके तरीके, वर्कप्लेस का स्कोप, एम्प्लॉयर्स की ड्यूटी, महिला एम्प्लॉइज के अधिकार और कानून के तहत पालन न करने के नतीजों के बारे में डिटेल में बताया। एक इंटरैक्टिव सेशन भी हुआ, जिसमें पार्टिसिपेंट्स ने इम्प्लीमेंटेशन, कंप्लेंट कॉन्फिडेंशियल्टी, विटनेस प्रोटेक्शन, इंक्वायरी प्रोसीडिंग्स और प्रिवेंटिव मेज़र्स से जुड़े सवाल पूछे। दोनों स्पीकर्स ने प्रैक्टिकल उदाहरणों के साथ जवाब दिया और कंप्लायंस के लिए बेस्ट प्रैक्टिस पर डिपार्टमेंट्स को गाइड किया।
प्रोग्राम में दस अलग-अलग सरकारी विभागों के स्टाफ मेंबर्स शामिल हुए। इनमें उपायुक्त कार्यालय , लीगल एड काउंसिल ऑफिस, अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय, पोस्ट मास्टर ऑफिस, डीएफओ कार्यालय, साकेत हॉस्पिटल, कन्फ़ेड , जिला सैनिक बोर्ड, हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर ऑफिस के रिप्रेजेंटेटिव शामिल थे।

