चंडीगढ़, 3 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज हरियाणा सचिवालय में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेशभर के विद्यालयों में आयोजित निबंध लेखन एवं ‘सुनो कहानी श्री गुरु तेग बहादुर जी की’ प्रतियोगिता का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री सैनी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के अदम्य साहस, त्याग और सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए कहा कि गुरु साहिब का जीवन सत्य, साहस और मानवता की अनुपम मिसाल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक के.एम. पांडुरंग, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) वर्षा खांगवाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रभलीन सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेश के विभिन्न स्कूल वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उनके विचार सुने और उन्हें श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से सीख लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर चार विद्यार्थियों ने ‘साखी वाचन’ प्रस्तुत कर श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन से जुड़ी प्रेरक घटनाओं को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नई पीढ़ी को अपने गुरुओं और राष्ट्र नायकों के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी तक सभी गुरुओं ने हरियाणा की धरती को अपनी चरण धूलि से पवित्र किया है और उनकी शिक्षाएं यहां के जनमानस में गहराई से रची-बसी हैं।
सैनी ने बताया कि इस आयोजन में प्रदेशभर के विद्यालयों से साढ़े तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी हो रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि नई पीढ़ी अपने गुरुओं के आदर्शों और बलिदानों से प्रेरणा ले रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे प्रतियोगिता में पूरे मन से हिस्सा लें और श्री गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, सहिष्णुता, समानता और न्याय के संदेश को अपने जीवन में उतारें।
उन्होंने कहा कि आज की तकनीकी पीढ़ी को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का उपयोग मानवता, करुणा और भाईचारे का संदेश फैलाने में करना चाहिए। यही श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने कर्म और विचारों से राष्ट्र को और मजबूत बनाने का संकल्प लें। यही इस प्रतियोगिता का सच्चा उद्देश्य है।

