चंडीगढ़, 8 सितंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ जैसे हालातों में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपायों के लिए सरकार ने जिलों को आरक्षित निधि के रूप में कुल 3 करोड़ 26 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस धनराशि का उपयोग प्रभावित लोगों को भोजन, वस्त्र, अस्थायी आश्रय, तंबू, पशुओं के लिए चारा और पेट्रोल, डीजल व अन्य ईंधन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं, राहत सामग्री के परिवहन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
सैनी ने कहा कि यह दुख की बात है कि इस प्राकृतिक आपदा में मकान ढहने से प्रदेश के 13 लोगों की जान चली गई। इनमें जिला फतेहाबाद में चार, भिवानी में तीन, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में दो-दो और हिसार व फरीदाबाद में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। शोक संतप्त परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने तुरंत 52 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता जारी की है। प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा, घायलों को भी मदद के लिए 2 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बाढ़ से नागरिकों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला हुआ है। इसका उद्देश्य आम जनता द्वारा अपने नुकसान व क्षति के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। साथ ही प्रभावित लोगों को हुए नुकसान के समयबद्ध तरीके से सत्यापन और मुआवजे के वितरण की प्रणाली में पारदर्शिता लाना है। अब तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रदेश के 5217 गांवों के 2 लाख 53 हजार 440 किसानों ने 14 लाख 91 हजार 130 एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण करवाया है। इस क्षेत्र के सत्यापन का काम जारी है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण जिन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा, ऐसे लोगों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं। जिन क्षेत्रों में पानी भर गया है वहां खराब फसलों के लिए प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में हरे चारे की कमी हुई तो इस समस्या को दूर करने के लिए उन जिलों से सूखा चारा मंगवाने का निर्णय लिया है, जिनमें जलभराव की समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जलभराव वाले क्षेत्रों में गिर गए अथवा आंशिक नुकसान वाले मकानों का सर्वे करवाया जाए। इसके अलावा, जो परिवार 20 वर्षों से पंचायती जमीन या इस प्रकार की अन्य जमीन पर काबिज हैं, उनके मकानों को भी यदि नुकसान हुआ है तो उनकी भी सूची तैयार की जाएगी और उन्हें भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों की टीमें भेजकर उनकी चिकित्सा के व्यापक प्रबंध किये हैं। प्रभावित लोगों को चिकित्सा शिविर लगाकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे इस स्थिति में जल की स्वच्छता का ध्यान रखें और पानी को उबालकर पीएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। किसी भी नुकसान की स्थिति में प्रभावित लोगों को नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
बाढ़ पीड़ितों को सहायता
क्रमांक | नुकसान | सहायता राशि |
1 | मृत्यु | 4 लाख रुपये |
2 | अंग हानि (40-60 प्रतिशत) | 74,000 रुपये |
3 | अंग हानि (60 प्रतिशत से अधिक) | 2,50,000 रुपये |
4 | क्षतिग्रस्त मकान के लिए (मैदानी क्षेत्र में) | 1,20,000 रुपये |
5 | क्षतिग्रस्त मकान के लिए (पहाड़ी क्षेत्र में) | 1,30,000 रुपये |
6 | आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए (15 प्रतिशत) | 10,000 रुपये |
7 | आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के लिए (15 प्रतिशत) | 5,000 रुपये |
8 | गांव में दुकान, संस्थान व उद्योग 100 प्रतिशत हानि (1 लाख रुपये तक) | 1 लाख रुपये या वास्तविक हानि |
1 लाख से 2 लाख तक | 1.75 लाख रुपये | |
2 लाख से 3 लाख तक | 2.35 लाख रुपये | |
3 लाख से 4 लाख तक | 2.75 लाख रुपये | |
4 लाख से 5 लाख तक | 3.05 लाख रुपये | |
5 लाख से अधिक | 3.05 लाख रुपये + 10 प्रतिशत | |
9 | फसल हानि सब्सिडी (प्रतिशतता के आधार पर) प्रति एकड़ | 7,000 से 15,000 रुपये तक |
10 | दुधारू पशु हानि, भैंस, गाय, ऊंटनी आदि | 37,500 रुपये |
भेड़, बकरी, सुअर | 4,000 रुपये | |
दूध न देने वाले पशु ऊंट, घोड़ा, बैल आदि | 32,000 रुपये | |
मुर्गी पालन | 10,000 रुपये तक |
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 2 दिनों में उन्होंने स्वयं जलभराव वाले गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लिया है और लोगों से बात की है। धरातल पर नरमा, धान व बाजरा की फसलों को नुकसान हुआ है। इसके लिए अधिकारियों को ड्रोन से भी मैपिंग करवाने की निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है और अधिकारी व कर्मचारी मुस्तैदी से लोगों को आवश्यक सुविधाएं व सहायता पहुंचा रहे हैं।