चंडीगढ़, 5 अगस्त। हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार हेतु राज्य कार्यबल (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक आज यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया गया।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं, इस वर्ष (2025) 1 जनवरी से 31 जुलाई तक राज्य का लिंगानुपात सुधरकर 907 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 899 था। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिसमें दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है, खासकर उन मामलों में जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। अकेले जुलाई में संदिग्ध रिवर्स ट्रैकिंग मामलों में 32 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें 32 गिरफ्तारियां हुईं। इसके अतिरिक्त चार और मामलों में एफआईआर प्रक्रियाधीन हैं और नियमों की उल्लंघना करने वाले निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को 38 नोटिस जारी किए गए हैं।
एक अनूठी और समावेशी पहल के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ट्रांसजेंडर समुदाय राज्य भर में लड़कियों के जन्म का जश्न मनाने में सक्रिय रूप से शामिल हो। इस प्रयास के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य उन घरों में जाएंगे, जहां लड़की का जन्म होता है। ठीक वैसे ही जैसे वे पारंपरिक रूप से लड़के के जन्म पर करते हैं और लड़की के परिवार को ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ योजना के तहत एलआईसी में निवेश किए गए 21,000 रुपये का प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। इसके लिए, हरियाणा सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को भी प्रोत्साहित करेगी और ऐसे ट्रांसजेंडरों को न्यूनतम 1,100 रुपये की राशि देने का प्रस्ताव है। यह पूरा अभियान संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की देखरेख में चलाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने लिंग निर्धारण परीक्षण और अवैध गर्भपात में शामिल आईवीएफ केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी आदेश दिए। यह निर्णय लिया गया कि बेहतर निगरानी के लिए आईवीएफ के माध्यम से होने वाले सभी प्रत्यारोपणों को प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए।
उन्होंने पुलिस विभाग को अवैध गर्भपात केंद्रों पर नज़र रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय करने के लिए भी कहा, साथ ही अगले सप्ताह तक अब तक दर्ज की गई एफआईआर में हुई प्रगति पर रिपोर्ट भी मांगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर एक जागरूकता विज्ञापन तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे राज्य भर के सिनेमाघरों में प्रसारित किया जाएगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री रिपुदमन सिंह ढिल्लो और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।