विज ने चंडीगढ़ में नई हरियाणा विधानसभा के मुद्दे पर पंजाब सीएम को घेराविज ने चंडीगढ़ में नई हरियाणा विधानसभा के मुद्दे पर पंजाब सीएम को घेरा

चंडीगढ़, नवंबर। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में नई हरियाणा विधानसभा बनाए जाने के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान साहब कहते हैं कि चंडीगढ़ हमारा हैं लेकिन चंडीगढ़ तुम्हारा तब है जब तुम हिन्दी भाषी क्षेत्र हरियाणा को स्थानांतरित कर दोगे, जब हमें (हरियाणा को) एसवाईएल का पानी दे दोगे, जब तक ये नहीं देते हो तब तक इसके ऊपर हमारा लियन (अधिकार) हैं’’।

विज आज चंडीगढ़ में विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया गैलरी में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि ‘‘हम (हरियाणा) बैठे हुए हैं तभी तक बैठे हुए हैं, क्योंकि जो (हरियाणा-पंजाब के बीच) समझौता हुआ है, वे (पंजाब) उसे लागू ही नहीं करते हैं तो चंडीगढ़ किस प्रकार से तुम्हारा (पंजाब) हुआ’’। उन्होंने कहा कि ‘‘जिस समय पंजाब और हरियाणा अलग हुए, तो उस समय हरियाणा को इसमें (वर्तमान विधानसभा परिसर) अक्मोडेट किया गया। उन्होंने कहा कि अभी हरियाणा में 90 सदस्य है और अगला परिसीमन बनाया जाता है तो ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि 120 सदस्य हो जाएंगें। उन्होंने कहा कि वर्तमान विधानसभा में 120 सदस्यों के बैठने की जगह नहीं हैं और जगह चाहिए और इस संबंध में पहले से ही हमने (हरियाणा) तैयारी कर दी थी’’।

हरियाणा में बीपीएल में बहुत लोगों के शामिल होने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ‘‘पहले कुछ लोगों के बीपीएल कार्ड बन नहीं पाते थे, और वे लोग घूमते रहते थे और कोई भी उनकी सुनवाई नहीं करता था लेकिन अब सारा सिस्टम स्ट्रीमलाइन किया गया है इसलिए हर पात्र व्यक्ति के बीपीएल कार्ड बन रहे हैं अब इसको लेकर किसी को क्यों तकलीफ होगी’’।

हरियाणा विधानसभा सदन में कांग्रेस के विधायकों द्वारा ईवीएम के मुद्दे को उठाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री विज ने कहा कि ‘‘ये कांग्रेस के एजेंडे में शामिल हैं और झूठ बोलने की इन्होंने (कांग्रेस) जो युनिवर्सिटी बनाई है और उसमें सिलेबस है कि अगर तुम (कांग्रेस) हार जाओ तो पहले चुनाव आयोग को दोष लगाना है और फिर ईवीएम को दोष लगाना है ये इनको सिखाया जाता है’’।

विज ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से प्रश्न करते हुए कहा कि ‘‘मैं हुडडा साहब से पूछना चाहता हूुं कि जिन सीटों से कांग्रेस जीती है क्या वहां पर ईवीएम ठीक थी, वहां का रिपोल कराओ। अगर ईवीएम खराब थी तो सारे प्रदेश की खराब थी, आप (कांग्रेस) जिन सीटों से जीते हो, वहां की ईवीएम ठीक थी, जहां हम (भाजपा) जीते हैं वहां ईवीएम खराब है ये क्या लॉजिक है’’! उन्होंने हुडा को नसीहत देते हुए कहा कि ‘‘आप (भूपेन्द्र सिंह हुड्डा) एडवोकेट हो, ऐसी बातें शोभा नहीं देती, आप रिपोल करें जहां से कांग्रेस के विधायक जीते हैं। अगर आप कहते हो कि ईवीएम खराब है तो आप रिपोल कराकर एक उदाहरण प्रस्तुत करें’’। उन्होंने ये भी कहा कि ये (कांग्रेस) अज्ञानियों वाली बात करते हैं, ईवीएम जब चुनाव आयोग से जारी होती है तो वहां पर सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों से चेक कराई जाती है। जिला निर्वाचन अधिकारी के पास आने के बाद भी प्रतिनिधियों को बुलाकर चेक कराई जाती है। ऐसे ही, पोलिंग स्टेशन के पास बुलाकर चेक कराई जाती है। फिर भी आप (कांग्रेस) कहते हो कि ईवीएम खराब है तो आप इस बात का प्रमाण पत्र दे रहे हो कि आपके सभी लोग मूर्ख है या उनको समझ, जानकारी या ज्ञान नहीं है’’।

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के बाद हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष के चुने जाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी जीतने जा रही है और नेता प्रतिपक्ष पार्टियों के चुने जाते हैं, धडों के नहीं चुने जातें। ये (कांग्रेस) एक पार्टी नहीं हैं ये भिन्न-भिन्न धडे हैं, जो चुनाव को देखकर इकट्ठे हो गए थे इसलिए इनका नेता प्रतिपक्ष को लेकर फैसला नहीं हो पा रहा है और फैसला करना आसान भी नहीं है क्योंकि दो सत्र हो चुके हैं और बिना नेता प्रतिपक्ष के सत्र चल रहा है लेकिन देखते हैं कब इनका फैसला होता है’’।

सदन में कांग्रेस के विधायक अशोक अरोड़ा द्वारा अनिल विज की जान को खतरा के मुद्दे को सदन में उठाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘मैंने इस संबंध में तत्कालीन मुख्य सचिव को लिखकर भी दिया था और सारा मामला अवगत भी करा दिया था तथा फोन पर भी उनके साथ मेरी विस्तृत जानकारी के साथ बातचीत हो गई थी। इस समय में क्या होता है ये समय बताएगा’’।

विज की सुरक्षा घटाने को लेकर भी सदन में मुद्दा उठाया गया है, के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘यदि मैंने कोई बात उठाई है तो बात में गंभीरता है तभी बात को उठाया गया है। उन्होंने कहा कि जब कभी इसकी जांच होगी तभी इस संबंध में और पता लगेगा लेकिन अभी तक किसी ने मुझे आकर पूछा नहीं हैं’’।

विपक्ष द्वारा अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं हैं के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘ये पहला सत्र है और सरकार की चुनाव के दौरान जो भी प्रतिबद्धताएं थी उनका इसमें जिक्र किया गया है। मैं सात बार का विधायक हूं, विपक्ष कोई भी हो, तो विपक्ष का एक सामान्य डायलॉग होता है कि कुछ भी नया नहीं है तो इनका ये कॉमन डायलॉग है’’।

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