पंचकूला, 6 नवंबर। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब गांव-शहर के लिए बनाए जाने वाले प्रोजेक्टों को आगामी 20-25 साल तक सुविधा दिए जाने की व्यवस्था के साथ तैयार किया जाए, ताकि समय के साथ आबादी बढ़ने पर भी सीवर-पानी के लिए नागरिकों को परेशानी ना हो।
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उनके साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, ईआईसी असीम खन्ना, डायरेक्टर देवेंद्र दहिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में रणबीर गंगवा ने अधिकारियों से विभाग के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की और विभाग परेशानियों को जाना। साथ ही उनके समाधान के लिए सीएम से बातचीत करने का आश्वासन दिया।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर बार बरसात के समय में सीवर बंद रहने की समस्याएं आम होती है। इस बार बरसात के सीजन में ऐसा नहीं होना चाहिए। समय से पहले सीवरों की सफाई करवाई जाए। इस काम के लिए ली गई मशीनों का ठीक ढंग से प्रयोग किया जाए।
रणबीर गंगवा ने बताया कि प्रदेश की जनता ने तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर भरोसा जताया है। चाहे नेता हो, अधिकारी हो या कर्मचारी हो, हम सबको जनता की सेवा के लिए काम करना करना है। हम जनता के चौकीदार और सेवादार के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की पहचान बिना भेदभाव के काम कर रही है। जो भी बजट आता है उसमें से सभी जिलों को उनकी रेशो के अनुसार बजट देकर काम कराया जाए। ताकि जनता के साथ भेदभाव न हो।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी की कोई कमी मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी जिला में अपनी शिकायत देता है तो उसकी शिकायत को दर्ज किया जाए और उस शिकायत का 7 दिनों में समाधान किया जाए। यदि सात दिन में समस्या का समाधान ना हो तो शिकायतकर्ता की संतुष्टि कराई जाए।
मंत्री ने कहा कि हमारा महकमा ही ऐसा है, जो प्रदेश के हर नागरिक के साथ जुड़ा हुआ है। हर व्यक्ति को पीने का पानी मुहैया करवाता है। हमारी जिम्मेदारी है ये है कि हम स्वच्छ पानी की सप्लाई दी जाए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों को महाग्राम योजना में शामिल किया गया। इस योजना के तहत 14 गांवों में सीवर-पानी का काम पूरा हो चुका है। 30 गांवों का कार्य चल रहा है। प्रदेश के 144 गांवों के लिए सीवर-पानी की योजना को दिसंबर 2027 तक तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमरूत-2 योजना के तहत प्रदेश में काम किया जाएगा। इसके लिए करीब 1443 करोड़ की लागत से 48 जल आपूर्ति परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इस वर्ष में अमरूत शहरों में जल आपूर्ति के लिए 656 करोड़ रूपये और सीवरेज सुविधाओं के लिए 144 करोड़ रूपये हैं। इसमें केन्द्र और प्रदेश सरकार का हिस्सा शामिल है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लगभग 1695 करोड़ रूपये की 73 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
गंगवा ने कहा कि अब जिस भी प्रोजेक्ट पर काम होगा या रिपेयर की जाएगी, उसकी क्वालिटी में कमी नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार का क्वालिटी पर पूरा जोर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर घर में नल और हर नल में जल हो। जल जीवन मिशन के तहत पुरानी पाइपों को बदला जाए। साथ ही जिस प्रोजेक्ट में जो कार्य तय हुआ है उनको पूरा करवाया जाना चाहिए। कहीं पर सीवर डालने के बाद गलियों में अव्यवस्था सामने आ रही है। आगे ऐसा नहीं होना चाहिए।