सिरसा 18 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि लगातार उठ रहे सवालों से साफ है कि नीट परीक्षा बिल्कुल भी क्लीन नहीं है। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को नए सिरे से नीट का एग्जाम लेना चाहिए। जिस तरह की हेराफेरी अभी तक उजागर हुई हैं, उससे साफ है कि केंद्र सरकार के इशारे पर लाखों छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना चकनाचूर किया जा रहा है। एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट व अभ्यर्थियों को लगातार गुमराह कर रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि नीट (यूजी)-2024 के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 16 मार्च के 24 दिन बाद 9-10 अप्रैल को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने एक दिन के लिए रजिस्ट्रेशन की विंडो खोली तो उस पर 24 घंटे के दौरान 24246 नए आवेदन भरे गए। इन आवेदकों में से कितने क्वालीफाई हुए और कितने टॉप रैंकर्स बने, इस पर एनटीए और शिक्षा मंत्रालय जानकारी सार्वजनिक नहीं कर पा रहे हैं। नव निर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में 620 से 720 के बीच अंक लाने वाले छात्रों की संख्या 13-15 हजार के बीच रहती थी, लेकिन इस बार यह पांच गुणा तक कैसे बढ़ गई। खास बात तो यह रही कि केवल हाई स्कोर छात्र ही बढ़े, जबकि कम अंक लाने वालों में कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ, प्रतिशतता में तो ये कम ही हुए। देखा जाए तो 620-720 के बीच अंक लेने वाले 58263 छात्र हो गए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि नीट से जुड़ी देश भर की सभी कड़ियों को जोड़ा जाए तो पता चलता है कि इसमें बड़े पैमाने पर धांधली, पेपर लीक व अन्य तमाम तरह की सैटिंग हुई हैं। परीक्षार्थियों को मनचाहा सेंटर देने के मामले में गुजरात पुलिस ने अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 2.3 करोड़ रुपये के चेक मिले हैं। बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को जले हुए नीट पेपर भी मिले, लेकिन एनटीए इस बात को मानने से क्यों इंकार कर रहा है। नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि समय खराब होने के चलते 1563 छात्रों को अलग-अलग ग्रेस अंक दिए गए। लेकिन, इसके लिए न तो एनटीए की गवर्निंग बॉडी से मंजूरी ली गई और न ही यह बताया जा रहा कि किसके कहने पर क्लैट में समय खराब होने के बदले ग्रेस अंक के फॉर्मूले को अपनाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को जवाब देने के लिए सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की है, तो फिर काउंसलिंग की तारीख को 6 जुलाई से आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा? कुमारी सैलजा ने कहा कि नीट कांड देश के 24 लाख बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए चहेतों को बचाने की बजाए केंद्र सरकार को इसे तुरंत प्रभाव से रद्द करने का ऐलान करते हुए नए सिरे से परीक्षा की तारीख घोषित करनी चाहिए।