चंडीगढ़, 14 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की सरकारी नौकरियों में हरियाणा के युवाओं की बजाए अन्य प्रदेशों के आवेदकों को प्राथमिकता दी जा रही है। क्लास-1 व 2 की जिन पोस्ट पर हरियाणवियों को काबिज होना चाहिए, उन पर बाहरियों को काबिज किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों की इस बंदरबांट खुद भाजपा सरकार का भर्ती गैंग जुटा हुआ है, जिसकी पसंद हरियाणा के उच्च शिक्षित युवाओं की बजाए अन्य प्रदेशों के आवेदक हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि ताजा मामला पंचायती राज विभाग में एसडीओ (सिविल) की भर्ती का सामने आया है। इसमें सामान्य वर्ग की 48 सीटों में से 19 चयनित कैंडिडेट हरियाणा से बाहर के हैं, जो कुल पदों का 40 प्रतिशत हैं। जब भी कोई सरकारी भर्ती होती है तो हर बार बाहरी लोग ही भाजपा के भर्ती गैंग की प्राथमिकता होते हैं। खास तौर से क्लास-1 व 2 की भर्ती में तो हरियाणा से बाहर के लोगों को ही नौकरी बांटी जा रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा हरियाणा के युवाओं को खुलकर बता देना चाहिए कि प्रदेश में उनके लिए कोई जगह नहीं है और न ही उनकी योग्यता की कोई इज्जत है। क्योंकि, इससे पहले साढ़े चार साल तक भाजपा-जजपा सरकार ने भी हरियाणा के युवाओं के साथ इसी तरह से अन्याय किया। साल 2014 से ही ये हरियाणवी विरोधी नीतियां अपनाए हुए हैं। हरियाणा के बाहर से ही उच्च पदों पर भर्तियां कर रहे हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर (पॉलिटिकल साइंस) के 18 में से 11 पदों पर हरियाणा के बाहर वालों को नियुक्ति दी। एसडीओ (इलेक्ट्रिकल) के 80 में से 78 पदों पर हरियाणा के बाहर वालों का चयन किया। मामला उठा तो यह भर्ती रद्द कर दी। एसडीओ (इलेक्ट्रिकल) के 99 में से 77 पदों पर हरियाणा के बाहर वालों को नियुक्ति दी। लेक्चरर ग्रुप बी, टेक्निकल एजुकेशन विभाग में 157 में से 103 पदों पर बाहरियों को नौकरी दी। एचसीएस एग्जीक्यूटिव ब्रांच 2017 के 3 पदों में से 1 पर हरियाणा से बाहर वाले को तैनाती दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह एचसीएस एग्जीक्यूटिव ब्रांच बीडीपीओ के 7 पदों में से 4 पर हरियाणा के बाहर वालों का चयन किया। डिस्ट्रिक्ट हॉर्टिकल्चर ऑफिसर के 26 में से 12 पदों पर भी हरियाणा से बाहर वालों को ही नियुक्ति दी। यही नहीं, अब बाहरी राज्यों के आवेदकों को भी सोशियो इकोनॉमिक के 5 मार्क्स देने शुरू कर दिए हैं। जिसका खामियाजा भी हरियाणवियों को भुगतना पड़ता है। एचसीएस (ज्यूडिशियल ब्रांच) से हरियाणा जनरल नॉलेज हटा दी गई है। ताकि, हरियाणा के बाहर के लोगों की भर्ती का रास्ता और अधिक खुल सके, जबकि अन्य कोई भी राज्य ऐसा नहीं करता।