देश का पहला ऐतिहासिक सारागढ़ी म्यूजियम लोकार्पित  देश का पहला ऐतिहासिक सारागढ़ी म्यूजियम लोकार्पित  

फिरोजपुर, 15 मार्च। सारागढ़ी की ऐतिहासिक लड़ाई में दुश्मनों के साथ टक्कर लेते हुए शहादत प्राप्त करने वाले 21 सिख बहादुर सैनिकों की बेमिसाल बलिदान, बहादुरी और जूझारूपन को समर्पित 2 करोड़ की लागत के साथ बना देश का पहला ऐतिहासिक सारागढ़ी म्यूजियम लोकार्पित किया गया।

विधायक रणबीर सिंह भुल्लर और डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने इस म्यूजियम का लोकार्पण किया।

उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम में सारागढ़ी जंग के समय इस्तेमाल किए गए सिगनलिंग तकनीक के आर्टीफैक्ट्स, इक्विपमेंट, कोडिंग, डिकोडिंग को दिखाया गया है, जिससे यहां आने वाले लोगों और खास कर स्कूली छात्रों को ऐतिहासिक के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी मिलेगा। म्यूजियम में सात गैलरी बनी हैं, जो कि सारागढ़ी पोस्ट और जंग के अलग-अलग पहलुओं से तस्वीर पेश करती हैं।

पहली गैलरी में सारागढ़ी पोस्ट का मॉडल बनाया गया है और सारागढ़ी जंग का इतिहास भी दिखाया गया है, जिसमें सारागढ़ी के शहीदों के बारे में जानकारी है। गैलरी- 2 में थ्रीडी रंगमंच बनाया गया है जहां हवलदार ईशर सिंह के नेतृत्व में हजारों अफगानों के साथ लड़े 21 सिख सैनिकों की शूरवीरता को समर्पित सारागढ़ी की ऐतिहासिक जंग को दर्शाती पूरी मूवी दिखाई जाती है।

गैलरी-3 में हेलियोग्राफी गैलरी है, जिसमें उस समय पर दो किले और एक पोस्ट में किस प्रकार सिगनलिंग होती थी के बारे में लाईव वी.एफ.एक्स. तकनीक के द्वारा दिखाया गया है। गैलरी-4 में टूडी मूवी चलती है, जिसमें इस लड़ाई के बाद के हालातों, घटनाओं, सम्मानों के बारे में विस्तार सहित जानकारी दी गई है। अगली गैलरी में इस लड़ाई के दौरान सिख फौजियों और अफगानों की तरफ से इस्तेमाल किए गए हथियारों और बंदूकों को प्रतीकों द्वारा दिखाया गया है। छटी गैलरी जिसे लास्ट मैन गैलरी भी कहा जाता है आखिरी शहीद गुरमुख सिंह को समर्पित है। इसके बाद आखिरी गैलरी-7 है जो कि श्रद्धांजलि गैलरी और सेल्फी गैलरी है। यहां सिख फौजियों की बंदूक रखी गई है जहां सेंसर लगाया गया है जिसको छूकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इसी गैलरी में सारागढ़ी जंग के शहीदों का लाइव कटआउट लगाया गया है जिसके पास खड़े होकर लोग सेल्फ़ी ले सकते हैं। इस गैलरी में उस समय की खबरों की कटिंग और महारानी विक्टोरिया द्वारा किया सम्मान, शहीदों के बने याद चिन्हों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इन गैलरी में टच पैनल लगाए गए हैं जिनमें सारागढ़ी जंग और शहीदों के बारे में पंजाबी और अंग्रेजी भाषा में विस्तार से जानकारी ली जा सकती है।  

सारागढ़ी के शहीदों के महान बलिदान की याद में बनाया यह अजायबघर 36 सिख के 21 सैनिकों की बेमिसाल गाथा जो कि समाना रिज्ज (अब पाकिस्तान) में घटी थी, जिन्होंने 12 सितम्बर, 1897 को 10,000 अफगानियों के हमले के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए बलिदान दे दिया था, भारतीय फ़ौज के इतिहास में हमेशा मिसाल बनी रहेगी।  

पंजाब सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर सारागढ़ी जंग के शहीदों की याद में सारागढ़ी मेमोरियल जिसका नींव पत्थर मुख्यमंत्री द्वारा रखा गया था, का काम भी ज़ोरों पर है। इसके साथ ही सरहदी जिले फिरोजपुर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और देश-विदेश के लोगों को पंजाबियों के कीमती बलिदानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।  

इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने कहा कि फिरोजपुर में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थानों के विकास के लिए बड़े स्तर पर काम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारागढ़ी वॉर म्युजिय़म और सारागढ़ी युद्ध स्मारक के अलावा हूसैनीवाला शहीदी स्मारक का भी नवीनीकरण किया जायेगा, जिसके अंतर्गत शहीदी स्मारकों, पार्कों और इमारतों का सौन्द्रीयकरण, पार्किंग व्यवस्था, तालाब और सैलानियों की सुविधा के लिए 25 करोड़ रुपए की ख़र्च किये जाएंगे।  

इस मौके पर एस.डी.एम. फिरोजपुर चारूमिता, सारागढ़ी मेमोरियल ट्रस्ट के मेंबर डॉ. अनिरुद्ध गुप्ता, विनोद चौहान डायरेक्टर वीचायो वोयेज के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।  

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