चंडीगढ़, 21 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना एक अनूठी योजना है और आज पीपीपी के माध्यम से ही सभी सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। पीपीपी में दर्ज कोई विवरण को अपडेट करवाने या दुरुस्त करवाने के लिए कोई नागरिक आवेदन करता है, तो 30 दिनों के भीतर उसे दुरुस्त कर दिया जाता है। अभी तक 22 श्रेणियों के तहत 84,34,961 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिसमें से 80,50,611 शिकायतों का निवारण किया जा चुका है, शेष लगभग 3 लाख 86 हजार शिकायतों को भी जल्द ठीक कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में नागरिकों द्वारा स्वः घोषित डाटा दर्ज करवाया गया था, उसके बाद आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव किया गया। करेक्शन मॉड्यूल के तहत 84,34,961 शिकायतें प्राप्त हुई। यह शिकायतें एक परिवार की 2-2 या 3-3 भी हो सकती हैं। टिकटिंग मॉडयूल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगभग 2,82,000 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 2,63,852 का निवारण किया जा चुका है। इसके अलावा, नागरिक द्वारा किसी सेवा का लाभ लेते समय कोई समस्या आई हो, ऐसी भी 12,05,667 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 11,40,690 को ठीक किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि लगभग 22 श्रेणियों जैसे, नाम, पता, पति या पत्नी का नाम, जन्म तिथि, बैंक खाता, व्यवसाय, आय इत्यादि में बदलाव और अपडेट के लिए नागरिकों द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जन्म तिथि से संबंधित लगभग 5 लाख 4 हजार शिकायतों को भी ठीक किया गया है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बदलाव आय की श्रेणी में हुआ है। आय के सत्यापन के लिए लोकल कमेटी, खण्ड स्तर पर सेक्टोरल कमेटी और जिला स्तरीय कमेटी बनाई हुई है, जिनके सत्यापन के बाद ही आय में बदलाव किया जाता है। उन्होंने बताया कि 48,851 लोग ऐसे हैं, जिनकी परिवार पहचान पत्र में आय कम दर्ज की हुई थी, लेकिन उन्होंने शिकायत देेते हुए कहा कि उनकी आय अधिक हैं, उसके बाद उनकी आय में बदलाव किया गया।
उन्होंने कहा कि पीपीपी की श्रेणियों में बदलाव व अपडेट करवाने की प्रक्रिया लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और सरकार द्वारा प्रो-एक्टिव तरीके से कार्य किया जा रहा है। जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण डाटा को भी पीपीपी के साथ एकीकृत कर दिया गया है, जिससे पीपीपी में ऑटो अपडेट हो जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी की स्वीकार्यता जनता में हो गई है, आज सभी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से ही दिया जा रहा है। पहले कुछ लोग गलत तरीके से सरकारी लाभ ले लेते थे, लेकिन हमने व्यवस्था को ठीक किया है। राशन कार्ड, पेंशन इत्यादि में व्यवस्था को ठीक किया है। अब लोगों की धारणा भी यही है कि चीजें ठीक होनी चाहिएं। उन्होंने कहा कि कोई सदस्य पीपीपी में डाटा ठीक करवाने संबंधी कोई शिकायत की जानकारी हमें देंगे तो उसे निश्चित रूप से 30 दिनों के भीतर दुरुस्त किया जाएगा।
सरकार प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्रियां करने की दिशा में कर रही कार्य मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में केवल प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्रियां हों, इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। पहले चरण में सोनीपत और करनाल जिला को लिया गया है। इस व्यवस्था के लागू होने से इंतकाल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, केवल प्रॉपर्टी आइडी के आधार पर ही रजिस्ट्रियां हो जाया करेंगी।
मनोहर लाल ने कहा कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में पहले शहरी क्षेत्र (अर्बन एरिया), ग्रामीण क्षेत्र (रूरल एरिया) के साथ एक और श्रेणी अन्य क्षेत्र (अदर एरिया) का भी प्रावधान था। शहरी क्षेत्र में संपत्ति का रिकॉर्ड स्थानीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित विभाग द्वारा करवाया जाता था। लेकिन अन्य क्षेत्र का प्रावधान होने से एक लूप-हॉल दे दिया गया था। इस अन्य क्षेत्र के प्रावधान के कारण पहले कुछ लोग किसी न किसी तरीके से रजिस्ट्रियां करवा लिया करते थे। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने अब इस अन्य क्षेत्र (अदर एरिया) के प्रावधान को खत्म कर दिया, इसलिए कुछ लोगों को तकलीफ होने लगी है।
उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी केवल संपत्ति की पहचान है, लेकिन मलकीयत का सबूत नहीं है। प्रदेश में चल रही लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना के तहत शहरी क्षेत्रों में मैपिंग करवाई जा रही है और रेवेन्यू रिकॉर्ड के साथ सत्यापन होने के बाद यह डाटा प्रमाणिक हो जाएगा। उसके बाद इंतकाल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी बल्कि प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही रजिस्ट्रियां हो जाया करेंगी।
विधानसभा ने सर्वसम्मति से श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में धन्यवाद व बधाई प्रस्ताव किया पारित
विधानसभा द्वारा आज गत 22 जनवरी, 2024 को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में धन्यवाद व बधाई प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। सदन के नेता और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सदन में इस संबंध में सरकारी प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
मनोहर लाल ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि अयोध्या में गत 22 जनवरी, 2024 को श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में आज इस गरिमामय सदन में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करना मेरे लिए परम सौभाग्य का विषय है। श्री राम मंदिर की पुनः स्थापना से आज हर भारतवासी प्रफुल्लित और गौरवान्वित महसूस कर रहा है। हरियाणा के लोगों के साथ-साथ यह सदन उन सब महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त करता है जिन्होंने मनसा-वाचा-कर्मणा इस अद्भुत उपलब्धि में योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम हमारे आराध्य हैं और इस विशाल राष्ट्र की ऊर्जा के स्रोत हैं। वे हमारे लिए प्रेरणा भी हैं और मार्गदर्शक भी। यह सदन महसूस करता है कि उनकी चर्चा करने भर से हमें श्रीराम द्वारा स्थापित जनसेवा के उन उच्च आदर्शों का स्मरण हो जाता है जो आज हमारे लोकतंत्र को महान शक्ति प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राम राज्य’ भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चिंतन की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो आदर्श शासन की कल्पना करती है। ‘राम राज्य’ का आदर्श एक ऐसे समाज की कल्पना करता है जहाँ न्याय, समानता, भाईचारा और खुशहाली है। भारतीय संस्कृति में ‘राम राज्य’ की अवधारणा न केवल एक राजनीतिक या सामाजिक आदर्श के रूप में मानी जाती है, बल्कि यह आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों की भी प्रतिष्ठा करती है।
उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस में कहा गया है- दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा, सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती अर्थात रामराज्य में किसी को दैहिक, दैविक और भौतिक तकलीफ नहीं थी। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते थे और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते थे। रामराज्य की ये विशेषताएं हमें आज भी वैसा ही भारत बनाने की प्रेरणा देती हैं। यह सदन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विशेष रूप से आभार व्यक्त करता है जिन्होंने ऐसा ही भारत बनाने का संकल्प लिया है और उसी की सिद्धि के भगीरथ प्रयास के रूप में अयोध्या में श्रीराम मंदिर की स्थापना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम इस सांस्कृतिक राष्ट्र की चेतना हैं। श्री राम हमारी विरासत हैं, श्री राम एक सभ्यता हैं, श्री राम एक संस्कृति हैं। इसलिए अब जब वे 550 वर्षों के बाद अयोध्या में विराजमान हुए हैं तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक ही नहीं, पूरी दुनिया में फैले उनके भक्तों के इस अथाह मानव समुद्र में आस्था की प्रबल लहरें उठ रही हैं और हमारा परम सौभाग्य है कि हम ऐसे सुखद समय का आनन्द ले रहे हैं। हमें यह सुख व आनन्द हमारे लाखों पूर्वजों के तप और बलिदान से प्राप्त हुआ है। यह सदन अपने उन सब पूर्वजों के प्रति नतमस्तक होते हुए उनके प्रति अपार कृतज्ञता व्यक्त करता है।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि अमृत काल की शुभ बेला में प्राप्त हुई है। यह अगले 25 वर्षों में एक सशक्त, समावेशी और समृद्ध भारत बनाने के महत्वाकांक्षी विजन को प्राप्त करने का शुभ संकेत है।