चंडीगढ़, 19 फरवरी। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि अमृत-2.0 के तहत लगभग 1727.36 करोड़ रुपए के 57 प्रोजैक्ट पर कार्य किया जाना है जिसमें 1443.74 करोड़ रुपए के 48 वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट और 283.62 करोड़ रुपए की 9 सीवरेज योजनाएं है। इनमें से 22 प्रोजैक्ट पर जल्द ही कार्य आरम्भ किया जाएगा।
मुख्य सचिव आज यहां अटल मिशन कायाकल्प के सफल क्रियान्वयन और अर्बन ट्रांसमिशन अमृत 2.0 के रोड़ मेप को लेकर स्टेट हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग तैयार किए गए स्टेट वाटर एक्शन प्लान-11 को एमओएचयुए में सबमिट किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय शहरी निकाय विभाग द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स, युजर चार्जिज, ट्रेड लाईसेंस आदि से 50 प्रतिशत उपलब्धियां प्राप्त का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही शिकायत निवारण के लिए प्रभावी व्यवस्था क्रियान्वित की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि अमृत 2.0 के जल संरक्षण, गैर राजस्व जल में 20 प्रतिशत कमी लाना, शहरों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रीटेड वाटर का रीसायकल करना, वाटर बॉडीज का कायाकल्प करना, 24 गुणा 7 घण्टे वाटर सप्लाई नल से पेयजल सुविधा प्रदान करना, हरित स्थान और पार्क विकसित करना, पेयजल और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना, 50 हजार की आबादी पर शहरों में इलैक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग प्ंवाईट सुलभ करवाना व जीआईएस आधारित मास्टर प्लान शुरू करना, दस लाख की आबादी में पीपीपी प्रोजेक्ट लगाना, समुदायों की भागीदारी, एनर्जी क्षमता को बढाना तथा टाउन प्लानिंग स्कीम और लोकल एरिया प्लान पर सब स्कीम क्रियान्वित करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के 20 शहरों के 40 औद्योगिक क्षेत्रों में सीवरेज के पानी को रिसाइकल कर विशेषकर बागवानी आदि क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा। इसके लिए पंचकूला व गुरुग्राम का चयन किया गया है। इसके अलावा खरखौदा, यमुनानगर व कुरूक्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्रों में पानी को रियुज करने पर बल दिया जाएगा। यमुनानगर के थर्मल प्लांट में भी संशोधित पानी का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ढंग से वाटर रियूज पर सब्जी एवं फसलें उगाने पर परीक्षण किया जाए ताकि इस क्षेत्र में और अधिक लोगों को लाभ मिल सके।