भौतिक निर्माण से पहले व्यक्ति निर्माण आवश्यक - मनोहर लालभौतिक निर्माण से पहले व्यक्ति निर्माण आवश्यक - मनोहर लाल

चंडीगढ़, 6 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज में व्यक्ति निर्माण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भौतिक निर्माण से पहले व्यक्ति निर्माण आवश्यक है। एक बार व्यक्ति का निर्माण हो गया तो भौतिक निर्माण अपने आप हो जाएगा। व्यक्ति निर्माण पर सरकारों का ध्यान जाएगा पहले किसी ने सोचा नहीं था।

मनोहर लाल आज पंचकूला में मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत आयोजित नैतिकता शिविर (एथिक्स कॉन्क्लेव) में उपस्थित भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और हरियाणा सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन में नैतिकता के भाव को आत्मसात करने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मिशन कर्मयोगी की शुरुआत की है। अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि व्यवस्था में जनता का विश्वास बढे। उन्होंने कहा कि लोगों में अविश्वास की भावना को खत्म करना एक चुनौती है परंतु अधिकारी अपनी सोच और कार्यशैली में बदलाव लाकर जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतर सकते हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों में संकल्प, ताकत व मनोबल के साथ समाज सेवा के भाव को जागृत करने के लिए मिशन कर्मयोगी की शुरुआत की गई है। अधिकारी व कर्मचारी असल कर्मयोगी बनते हुए समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ देगें तो उन्हें आत्मिक संतोष की प्राप्ति होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में जब उन्होंने सत्ता की बागडोर संभाली तब शासन और अधिकारियों/कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को लेकर उनके मन में कई तरह के प्रश्न थे। शासन में अच्छे प्रवृति के लोग भी बहुत हैं। परन्तु बदलाव की आवश्यकता को देखते हुए हमने 25 दिसंबर 2015 को प्रथम सुशासन दिवस पर व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में अनेक पहल की शुरूआत की। पिछले लगभग साढ़े 9 सालों में हमने सुशासन की दिशा में अनेक सफल कार्य किए है। परन्तु अभी भी बहुत कुछ करना शेष है और इसके लिए आप सभी का सहयोग अति आवश्यक है।

हमारी विचारधारा में नैतिकता सर्वोपरि – मुख्यमंत्री

       मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भाग्यशाली है कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में जनसेवा का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और वे स्वयं उस विचारधारा से आते हैं जहां नैतिकता सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहल करते हुए सर्वप्रथम राजनेताओं की छवि सुधारने का कार्य किया। उन्हें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने न केवल इसका स्वयं पालन किया बल्कि अपनी पूरी टीम में भी नैतिकता की भावना को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बार कहा था कि वे दिल्ली से एक रूपया भेजते हैं तो केवल 15 पैसे ही नीचे पहुंच पाते हैं बाकि इधर-उधर हो जाते हैं। परन्तु आज सरकार द्वारा भेजा गया एक-एक पैसा विकास के कार्यों पर खर्च हो रहा है।

       उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकार बनते ही उन्होंने सर्वप्रथम सभी भेदभाव को खत्म किया और हरियाणा एक-हरियाणवी एक की भावना से प्रदेश का समान विकास सुनिश्चित किया। पूर्ववर्ती सरकारों का जिक्र करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले के मुख्यमंत्री अपने-अपने जिलों के विकास पर ही केन्द्रित रहते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों और कानून के विरुद्ध कार्य करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

       मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने सात ’एस’ – शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान, स्वावलंबन, सुशासन व सेवा के लक्ष्य पर कार्य करते हुए प्रदेशवासियों के जीवन को सुगम बनाया है। सभी अधिकारी इन सात ’एस’ को साकार करने की दिशा में कार्य करेंगे तो समाज सुखी होगा। उन्होंने कहा कि हमने तीन ’सी’ – क्राइम, करप्शन और कास्ट बेस्ड पॉलिटिक्स को खत्म करने के सफल प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि आज हम सब नैतिक हैं यह मानकर चलें और अनैतिक ना हों इसके लिए मिशन कर्मयोगी चलाया गया है। 2 लाख से अधिक कर्मचारी व अधिकारी का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और 31 मार्च 2024 तक साढ़े 3 लाख कर्मचारी कर्मयोगी का प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगे।

       मुख्यमंत्री ने हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा बनर्जी से आग्रह किया कि मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत कर्मचारियों व अधिकारियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण माॅडयूल को हिपा के पाठ्यक्रम में उपयोग किया जाना चाहिए।

सुधांशु महाराज ने मुख्यमंत्री को बताया कर्मयोगी

       इससे पहले सुधांशु जी महाराज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कर्मयोगी बताते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री की सादगी व अपनेपन से काफी खुश और प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि वे राजनेताओं से कम मिलते हैं परन्तु मुख्यमंत्री मनोहर लाल नेता कम अपने ज्यादा लगते हैं। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि अपने स्वभाव में कर्मयोग लाएं तभी जीवन कर्मयोगी बनता है। उन्होंने कहा कि आज अधिकारियों के पास ऐसा समय है जिसका उपयोग करते हुए ऐसा इतिहास लिखें कि आने वाली पीढियां उनकी मिसाल दे सकें।

       इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि उन्हें गर्व है कि हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जहां हर कर्मचारी व अधिकारी को नैतिकता के विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों के कौशल और दक्षता विकास के साथ-साथ समाज के प्रति उनकी जवाबदेही को बढाना है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कार्यों और निर्णयों के प्रति हमारी जवाबदेही होनी चाहिए। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जो कार्य कर रहें है या निर्णय ले रहे हैं उसका आम जनता पर क्या प्रभाव पडेगा।

       इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा बनर्जी सहित प्रदेशभर से आए हुए सिविल और पुलिस सेवा के अधिकारी भी मौजूद थे।

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