चंडीगढ़, 26 दिसंबर। पंजाब के बागबानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने राज्य में बागबानी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संशोधित नए नर्सरी नियम जारी किए।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इन नियमों के तहत नर्सरियों को ट्रू-टू-टाईप पौधे तैयार करने के लिए दो साल का समय दिया गया है और इन पौधों को मदर प्लांट और बड स्टिक नर्सरियों में लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा इन पौधों की ट्रेसेबिलिटी करने के लिए नर्सरी मालिकों को बाध्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने देश में पहल करते हुए पहले पंजाब फ्रूट नर्सरी एक्ट, 1961 में संशोधन किया है। उन्होंने बताया कि इस नए नर्सरी एक्ट के अधीन नर्सरी मालिकों को वायरस मुक्त पौधे तैयार करने के लिए बाध्य किया गया है।
अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस संशोधित नए नर्सरी एक्ट के तहत नर्सरी मालिकों के लिए वायरस मुक्त पौधों की खेती करना आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि सब्जियों की नर्सरी संबंधी लाइसेंस अनिवार्य है, परंतु उपज का स्रोत और गुणवत्ता बीज एक्ट 1966 (1966 का केंद्रीय एक्ट 54) के अधीन नियंत्रित की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सभी रजिस्टर्ड बाग़बानी नर्सरियों के पास इन नियमों के लागू होने की तारीख से एक्ट के अधीन आने वाली शर्तें या ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दो सालों की समय सीमा होगी।
इन नियमों में, नियम 6 के बाद कुछ मदों को बदला जाएगा जैसे कि लाइसेंस रद्द या निरस्त होने की सूरत में समर्थ अथॉरिटी या उसके द्वारा अधिकृत कोई व्यक्ति जिसका पद बागबानी विकास अधिकारी से कम न हो, द्वारा पौधों को नष्ट किया जायेगा। समर्थ अथॉरिटी द्वारा लाइसेंसधारक को पौधों, ग्राफ्ट किए गए पौधों को उखाड़ने का आदेश दिया जाएगा और ऐसा करने से इनकार करने की सूरत में, अथॉरिटी द्वारा लाइसेंसधारक के पौधों को उखाडऩे या खेत को मिलाने के लिए मजदूरों या ट्रैक्टर का प्रयोग किया जाएगा।
इस मौके पर विभाग की निदेशक शैलेंद्र कौर और सहायक निदेशक डॉ. हरप्रीत सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।