बिजली विभाग के दो अफसरों पर सीएम का एक्शनबिजली विभाग के दो अफसरों पर सीएम का एक्शन

चंडीगढ़, 21 दिसंबर। सीएम विंडो पर आई एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली विभाग के दो अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सब डिविजन-1 एरिया, रोहतक के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता महताब सिंह और तत्कालीन सब डिविजन अधिकारी जितेंद्र कुमार (ऑपरेशनल) को निलंबित कर दिया है।

साथ ही उक्त दोनों अधिकारियों के विरुद्ध नियम-7 के तहत विभागीय कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सीएम विंडो पर रोहतक के रहने वाले अरविंद ने उसकी कंपनी के जनवरी, 2023 के बिजली बिल के साथ लोड ज्यादा यूज करने के कारण चार्ज लग कर आने की शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ता ने बिजली के लोड बढ़वाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और कई बार उप मण्डल अधिकारी व कार्यकारी अभियंता से मिलने के बाद भी अपने आवेदन की स्थिति के संबंध में कोई जवाब नहीं मिला। बाद में शिकायतकर्ता को बताया गया कि बिजली विभाग पर लोड उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से लोड नहीं दिया गया है।

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि शिकायतकर्ता को बाद में पता चला कि कार्यकारी अभियंता ने उनके आवेदन को अंडर प्रोसेस करके किसी दूसरी कंपनी के आवेदन को स्वीकृत करके उन्हें बिजली का अतिरिक्त लोड दे दिया है। इस कारण से शिकायतकर्ता अरविंद को पिछले 5 महीने से ओवरलोड चार्ज का भुगतान करना पड़ा।

ओएसडी ने बताया कि इस पूरे मामले की अधीक्षण अभियंता (एसई) (ऑपरेशनल) सर्कल, उतर हरियाणा बिजली वितरण निगम, रोहतक द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन कार्यकारी अभियन्ता महताब सिंह व तत्कालीन सब डिवीजन अधिकारी जितेन्द्र कुमार (ऑपरेशनल) सब डिविजन-1/ एरिया, रोहतक को दोषी पाया गया। इसलिए मुख्यमंत्री ने संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उक्त दोनों अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

भूपेश्वर दयाल ने कहा कि सीएम विंडो से जनमानस की आवाज सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच रही है। लोगों की शिकायतों के त्वरित निराकरण के साथ-साथ सही तरीके से कार्य न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी तुरंत कार्रवाई की जा रही है। इसलिए सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर अपनाई गई जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करें।

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