मार्मिक नाटक मोक्ष का मंचनमार्मिक नाटक मोक्ष का मंचन

पंचकूला, 15 दिसंबर। मां की ममता की अनूठी दास्तान पर आधारित नाटक मोक्ष का मंचन हुआ।

इसका आयोजन पंचकूला के सेक्टर 15 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुआ। मां की ममता की अनूठी दास्तान है मोक्ष नाटक। एक अनकही, अबूझ सी अनोखी कशमकश है। गोपाल और रमैया के बेटा कर्णेशप्रिय पैदा होता है। वह स्कूल जाने लगता है। अचानक एक दिन वह बीमार हो जाता है। वह न तो चल सकता है, न ही बोल सकता है। डॉक्टर इसे लाइलाज बीमारी बताते है। दोनों को चिंता रहती है कि उनके जाने के बाद उनके बेटे का क्या होगा? 

वे‌ कई सामाजिक संस्थाओं के पास जाते हैं कि उनके जाने के बाद उनके बेटे की परवरिश करें लेकिन, कहीं से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता। वह अपने बेटे के लिए कुछ भी करने को तैयार है, अपनी सारी जायदाद तक उस संस्था को देने की बात भी करते हैं जो उनके बेटे की  परवरिश कर सके। अचानक एक दिन उनके बेटे का कत्ल हो जाता है। रमैया और गोपाल से पूछताछ होती है। पुलिस गोपाल को गिरफ्तार करके ले जाती है। आखिर केस अदालत में चलता है। यह शक भी होता है कि गोपाल ने ही कहीं अपने बेटे की हत्या तो नहीं कर दी।

लेकिन, कोई चश्मदीद गवाह न होने की वजह से अदालत उसे बाइज्जत बरी कर देती है। इसके बाद से गोपाल परेशान रहने लगता है कि आखिर कौन उसके बेटे की हत्या कर सकता है। बाद में पता चलता है कि हत्या उसकी पत्नी ने ही कि है और उसकी पत्नी भी खुद को गोली मारकर खत्म कर लेती है।

आखिर में गोपाल को एक लवारिस बच्ची मिलती है जिसे वो पालने की ठान लेता है और कहता है कि मोक्ष प्राप्ति के लिए लड़का जरूरी नही, लड़की भी बराबर का स्थान रखती है।

मनमोहन गुप्ता मोनी द्वारा लिखिक इस नाटक का निर्देशन सोनिका भाटिया ने किया है।

इसमें अदाकारी की रजत सचदेवा, सोनिका भाटिया, सौरभ, सौदामिनी और लोकेश ने निभाई वहीं जसवीर जस्सी ने प्रकाश और ध्वनि का निर्देशन किया। गीतों को अपनी आवाज से निखारा संदीप कंबोज ने।

इस अवसर पर फोक सूफी गायक सुशील शर्मा, स्कूल की प्रधानाचार्य बलजिंदर कौर छात्राएं, अध्यापक आदि विशेष रूप से मौजूद रहे। नाटक का आयोजन यूनीक आर्ट्स सोसाइटी द्वारा हरियाणा के सूचना, जन संपर्क एवम भाषा विभाग के सहयोग से किया गया था।

By desk

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