चंडीगढ़, 13 दिसंबर। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है, और आम आदमी के हितों के साथ कभी भी धोखा नहीं कर सकती। वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
यह जानकारी वन एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने वन रेंजर और डिप्टी वन रेंजर एसोसिएशन, जंगलात वर्कर्स यूनियन, पंजाब वन विभाग वर्कर्स यूनियन और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन के साथ श्रंखलाबद्ध बैठकों की अध्यक्षता करते हुए कही।
वन रेंजरों के मुद्दों पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि नई भर्ती सरकारी नियमों के अनुसार ही की जाएगी, जिसके बाद में अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचा जा सके। रेंज दफ्तरों में स्टाफ की कमी के बारे में मंत्री ने बताया कि पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत हरे रेंज दफ्तर में एक कर्मचारी तैनात करने के लिए योजना विचाराधीन है। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को अदालती मामलों से निपटने के लिए कानून अफसरों की नियुक्ति सम्बन्धी खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के पैटर्न का अध्ययन करने के लिए भी कहा।
जंगलात वर्कर्स यूनियन (पंजाब) द्वारा उठाए गए मामलों को गौर से सुनते हुए मंत्री ने कहा कि दर्जा चार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल करने का मामला पहले ही पर्सोनल विभाग को भेजा जा चुका है। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी हिदायत की कि वह सभी डी.एफ.ओज. को हिदायत करें कि कर्मचारियों के वेतन समय पर अदा की जाए और हर महीने की 7 तारीख से लेट न हों।
पंजाब सरकार के कर्मचारी समर्थक स्टैंड को दोहराते हुए मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान क्लर्कों के अलावा 185 नये वन गार्डों की भर्ती की गई है। इस कदम का उद्देश्य विभाग के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाना है।
इस मौके पर अन्यों के अलावा वित्त कमिश्नर (वन) विकास गर्ग, पी.सी.सी.एफ.आर. के. मिश्रा, चीफ वाइल्ड लाइफ गार्डन धर्मेंद्र शर्मा और ए.पी.सी.सी.एफ. (विकास) सौरव गुप्ता शामिल थे।