बठिंडा, 12 दिसंबर। भारत की लोकतांत्रिक प्रणालियों और चुनावी प्रक्रियाओं के बारे में छात्रों को शिक्षित करने के उद्देश्य से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के चुनावी साक्षरता क्लब ने “पहली बार मतदाता होने का महत्व” शीर्षक एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजित किया।
बठिंडा नगर निगम आयुक्त राहुल सिंधु कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
सिंधु ने दुनिया भर में लोकतांत्रिक संरचनाओं का गहन विश्लेषण करते हुए लोकतांत्रिक शासन की जटिल और विविध प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात करते हुए सूचना तक सीमित पहुंच, डराने-धमकाने की घटनाएं और चुनावी प्रक्रिया की जटिल प्रकृति जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
इन बाधाओं को दूर करने के लिए प्रशासन के हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर देते हुए सिंधु ने सभी पात्र नागरिकों को आत्मविश्वास से अपने वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर बात की और चुनावी प्रक्रिया में युवाओं की सक्रिय भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया।
सिंधु ने मतदाताओं के लिए प्रस्तावित उम्मीदवारों के प्रति अपना असंतोष व्यक्त करने के लिए नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को राजनीतिक चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने, प्रासंगिक प्रश्न पूछने और राष्ट्रीय विकासात्मक चर्चाओं में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। व्याख्यान सत्र के बाद छात्रों को एक इंटरैक्टिव सत्र में शामिल होने का अवसर मिला।
इस अवसर पर डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. रामकृष्ण वूसीरिका ने नागरिक कर्तव्य को पूरा करने के महत्व पर जोर देते हुए युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक एवं कार्यवाहक कुलसचिव प्रोफेसर बीपी गर्ग ने चुनावी साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए चुनावी साक्षरता क्लब के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम का अंत में डॉ. संदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. बावा सिंह और डॉ. नीलू रावत ने प्रतिभागियों का अभिनंदन किया और मुख्य अतिथि का परिचय दिया।