चंडीगढ़, 9 दिसंबर। जिला अदालत में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुणवीर वशिष्ठ, राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सुरेंद्र कुमार और डीएलएसए की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव नवजीत क्लेर मौजूद रहीं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की तरफ से यह लगाई गई लोक अदालत में 13 बेंच स्थापित की गई थी, जिन्होंने वैवाहिक/पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस, एमएसीटी, सिविल मुकदमे और किराया, श्रम विवाद, मध्यस्थता मामले, अन्य सिविल मामले सहित कुल 1833 मामलों का निपटारा किया गया। इनमें एक आपराधिक समझौता योग्य मामला भी शामिल है। इसके अलावा सबसे ज्यादा ट्रैफिक चालान के कुल 3840 मामले निपटाए गए और 25,77,100 रुपये का जुर्माना वसूला गया।
लोक अदालत में चेक बाउंस से जुड़े 1440 मामले निपटाए गए, जिसमें 92,25,950 रुपये की राशि शामिल है। 27 मोटर दुर्घटना दावा मामले जिसमें 3,02,19,000 रुपये, 41 वैवाहिक/पारिवारिक विवाद जिसमें 6,33,000 रुपये की राशि शामिल है। 138 सिविल मुकदमे और किराया मामले जिसमें 1,69,34,308 की राशि शामिल। 41 निष्पादन जिसमें 2,41,63,595 की राशि शामिल है। 02 आपराधिक पुनरीक्षण मामले जिसमें 15 करोड़, 17 सिविल विविध जिसमें 88,69,794 रुपये की राशि शामिल है। 34 मध्यस्थता मामले, 02 सिविल/किराया अपील, 10 अनट्रेस मामले शामिल हैं। डीवी के 17 मामलों में 1,07,000 रुपये, रजिस्ट्रार आफ कंपनीज एक्ट/शाप एक्ट के आठ मामले जिनमें 2,94,000 रुपये और 14 आपराधिक अपील जिनमें 1,11,75,168 रुपये की राशि शामिल है। इसके अलावा स्थायी लोक अदालत में 47,68,730 रुपये की राशि वाले 1985 मामलों का निपटारा किया गया। इसमें 21 प्री-लिटिगेटिव मामलों का निपटारा किया गया। 5,94,809 रुपये की राशि के 14 श्रम विवाद मामले, 26,28,540 रुपये की राशि के 14 श्रम विवाद मामले और 1,38,00,000 रुपये की राशि के 23 उपभोक्ता न्यायालय मामलों का भी निपटारा किया गया।