शिक्षा मंत्री ने भगवंत सिंह मान सरकार की स्कूली शिक्षा नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने की वचनबद्धता को दोहराया 

चंडीगढ़, 23 सितम्बर:
राज्य में स्कूली शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए पंजाब के शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस द्वारा आज मैगसीपा, चंडीगढ़ से प्रशिक्षण के लिए 60 प्रिंसीपलो के दो अन्य बैंच को हरी झंडी दे कर सिंगापुर के लिए रवाना किया गया है।
राज्य की स्कूल शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने वाले मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के स्कूल शिक्षा प्रति समर्पण भावना का जिक्र करते हुए स. बैंस ने कहा कि शिक्षा सम्बन्धित लक्ष्य को प्राप्त करने में अध्यापकों और स्कूल मुखियों की बहुत अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों और हैडमास्टरों/ प्रिंसीपलों की पेशेवर सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अध्यापकों और हैडमास्टरों/ प्रिंसीपलां को मौजूदा समय की उत्तम तकनीकों से अवगत करवाने के लिए देश और विदेश में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है जिससे इन बैस्ट प्रैक्टिस को राज्य के स्कूलों में लागू किया जा सके।
स. बैंस ने बताया कि फरवरी 2023 से अब तक राज्य सरकार द्वारा 30 और 36 प्रिंसीपलों वाले चार बैंच को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण प्रोगराम पी.ए.आई., सिंगापुर और एन.आई.ई.आई., सिंगापुर जैसे संस्थानों के सहयोग के साथ करवाया गया है।
इस प्रशिक्षण का कोर्स समकालीन प्रशासकीय और शैक्षिक कौशल पर केंद्रित है, जिसमें नवीनताकारी अध्यापन विधियों, विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता परार्मश आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए भेजे जा रहे नए बैंच के साथ, यह संख्या बढ़ कर 200 स्कूल प्रिंसीपल और 100 हैड्डमास्टरों तक पहुँच गई है, जिनको अंतरराष्टरीय स्तर का प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पहले, 140 प्रिंसीपल सिंगापुर में विदेशी प्रशिक्षण प्रोगरामों से लाभ उठा चुके है, जबकि 100 हैड्डमास्टरां ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आई.आई.एम.) अहमदाबाद में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
उन्होंने आगे कहा कि यह अध्यापक अपने शिक्षण संस्थानों को नयी शिखरों पर ले जाएँ ताकि विद्यार्थियों के लिए और ज्यादा अनुकूल सीखने का माहौल प्रदान करने के लिए बढिया ढंग के साथ तैयार किए गए है।
शिक्षा मंत्री ने मौजूदा प्रशिक्षण बैंचों, जो कि केवल मैरिट के आधार पर पारदर्शी आनलाइन पोर्टल के द्वारा चुने गए 60 प्रिंसीपलो का 5वां और 6वां ग्रुप है, के बारे में जानकारी देते बताया कि यह विद्यार्थी एन.आई.ई.आई. सिंगापुर में प्रभावशाली लीडरशिप कौशल, स्कूलों के विकास और अनुशासन को बनाई रखने के लिए कम्युनिटी की शमूलियत पर ध्यान केन्द्रित करते हुए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
स. बैंस ने इन प्रशिक्षण प्रोगरामों के सकारात्मक प्रभावों को भी उजागर करते हुए कहा कि इन भागीदारों के फीडबैक और फालोअप से पता लगता है कि प्रशिक्षण लेने उपरांत वह काफ़ी सकारात्मक महसूस कर रहे है और अपने स्कूलों में बढ़िया अभ्यासों को लागू कर रहे है।
उन्होंने कहा कि सभी अध्यापक भाईचारे और अलग- अलग भाईवालां ने पंजाब राज्य में शिक्षा के मानक को ऊँचा उठाने में डाले योगदान को मान्यता देते हुए सरकार के इन प्रयासों की प्रशंसा की है।
स. हरजोत सिंह बैंस ने शिक्षा की गुणवत्ता को और ऊँचा उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलकदमी की घोषणा करते हुए बताया कि पंजाब सरकार सरकारी प्राईमरी स्कूलों के अध्यापकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिला रही है।
इस उपराले के अंतर्गत प्राईमरी स्कूलों के अध्यापक को भी जल्द ही फिनलैंड में प्रशिक्षण हासिल करने के लिए भेजा जाएगा। फिनलैंड बढिया प्राईमरी शिक्षा प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है।
भगवंत सिंह मान सरकार द्वारा पिछले डेढ़ साल में शिक्षा के क्षेत्र में से शानदार प्राप्तियों का जिक्र करते हुए स. बैंस ने पंजाब की शिक्षा प्रणाली को फिर रेखा पर लाने वाली महत्वपूर्ण कार्यवाहियों के बारे में विस्थारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में बड़ी बदलाव देखने को मिल रहे है। शिक्षा की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, जिसके साथ बढ़िया अकादमिक नतीजे आए है और स्कूलों में दाख़िलों में विस्तार हुआ है।
उन्होंने रोज़गार की खोज में पंजाब के युवाओं की विदेशी प्रवास को रोकनो में भगवंत सिंह मान सरकार द्वारा बड़े स्तर की गई सरकारी नौकरियों में भर्ती का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य नौकरियों की संभावनाए पैदा कर सरकार न केवल अपने कौशल नौजवानों को विदेशों में हिजरत करने से रोक रही है बल्कि पंजाब के विकास में भी योगदान दे रही है।
सुखबीर बादल, हरसिमरत बादल, मजीठिया, राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और परगट सिंह ने अपने कार्यकाल दौरान अगर शिक्षा के सुधार के लिए कुछ किया नहीं तो अब भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा क्रांति के द्वारा सरकारी स्कूल के किए जा रहे कायाकल्प के बारे में टवीट कर राज्य के लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उक्त नेता यदि सच में पंजाब के सरकारी स्कूलों की दिशा सुधारने के लिए यत्नशील थे तो भगवंत सिंह मान के सत्ता संभालने से पहले का अपना कोई शिक्षा के सुधार सम्बन्धित टवीट दिखा दे।
उन्होंने कहा यह पार्टियाँ देश की आज़ादी के बाद पंजाब की सत्ता में रही है परन्तु आज भी राज्य के अनेकों स्कूल चारदीवारी से वचिंत है जबकि यह नेता स्कूल आफ ऐमीनैस सम्बन्धित झूठा प्रचार कर रहे है कि यह स्कूल तो हमारी सरकार समय बने थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले दौर में 117 स्कूल बनाने का लक्ष्य रखा था जिस में से पहला स्कूल आफ ऐमीनैस अमृतसर में शुरू हो गया है और जल्द ही इस तरह के 116 स्कूल पूरी तरह तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने सुखबीर बादल, हरसिमरत बादल, मजीठिया, राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और परगट सिंह से अपील की कि यदि किसी स्कूल को वह भी स्कूल आफ ऐमीनैस बनवाना चाहते है तो वह स्कूल संबंधी लिस्ट मुझे सौंप दे तो हमारी सरकार उन स्कूलों को भी स्कूल आफ ऐमीनैस के तौर पर विकसित कर देगी।