चंडीगढ़, 22 दिसंबर। हरियाणा पुलिस द्वारा जनहित में शुरू की गई ऑनलाइन सुविधाओं व सेवाओं के सकारात्मक परिणाम आने शुरू हो गए हैं। ऑनलाइन सेवाओं जैसे पासपोर्ट, किराएदारों तथा घरेलू हेल्परो की वेरिफिकेशन तथा पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट को लेकर 99 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपना फीडबैक देते हुए संतुष्टि व्यक्त की है। इसी प्रकार, पुलिस थानों में प्राप्त होने वाली शिकायतों के समाधान को लेकर भी प्रदेश में संतुष्टि दर का आंकड़ा बढ़कर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा प्रदेश में लोगों को पुलिस विभाग द्वारा दी जा रही जन सुविधा व सेवाएं निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि पुलिस थानों में प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध तथा निष्पक्ष तरीके से समाधान करने को लेकर फीडबैक सेल बनाया गया है। फीडबैक सेल के माध्यम से फोन करके शिकायतकर्ता से पुलिस की कार्यवाही को लेकर फीडबैक लिया जाता है और शिकायतकर्ता से पूछा जाता है कि वह पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट है या नहीं और यदि शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं तो उससे असंतुष्टि का कारण पूछा जाता है। सैल में शिकायतकर्ता के पास किए जाने वाली प्रत्येक कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है ताकि कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बरती जा सके।
इसके साथ ही फीडबैक सैल की मॉनीटरिंग वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाती है और रेंडमली शिकायतकर्ता से फोन करते हुए फीडबैक सेल की कार्यप्रणाली की जांच की जाती है। फीडबैक सेल की शुरुआत सितंबर माह में की गई थी । सितंबर माह में प्रदेश में संतुष्टि दर का आंकड़ा लगभग 67 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी 14 सेवाओं को भी किया गया है ऑनलाइन – डीजीपी
हरियाणा पुलिस ने प्रशासनिक कार्यक्षमता में सुधार व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी 14 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। सरकार की इस पहल से अब लाइसेंस के लिए सरल केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को केवल 2100 रुपए खर्च करने होते है जिनमें से 1500 रुपए प्रशिक्षण के, 500 रुपए आवेदन के तथा 100 रुपए अटल सेवा केंद्र के माध्यम से अप्लाई करने के निर्धारित किए गए है। उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण पहले होमगार्ड के माध्यम से दिया जाता था लेकिन अब यह प्रशिक्षण 6 प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से दिया जा रहा है, जिनमें क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, गुरुग्राम (भोंडसी), पुलिस प्रशिक्षण केंद्र रोहतक (सुनारिया), पुलिस लाइन पंचकूला (मोगीनंद), हरियाणा पुलिस अकादमी करनाल (मधुबन), पुलिस लाइन हिसार तथा पुलिस लाइन नारनौल शामिल हैं।
इन सेवाओं को किया गया ऑनलाइन
उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी जिन 14 सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है, उनमें नए शस्त्र लाइसेंस जारी करना, शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण, शस्त्र का बिक्री/ हस्तांतरण/उपहार, बाहरी लाइसेंस का पंजीकरण, शस्त्र का अधिग्रहण, शस्त्र अधिकार क्षेत्र के भीतर पते का परिवर्तन, शस्त्र की खरीद अवधि का विस्तार, शस्त्र लाइसेंस में शस्त्र का अनुमोदन, शस्त्र लाइसेंस से शस्त्र हटाना, एक प्रकार के शस्त्र का परिवर्तन, डुप्लीकेट शस्त्र लाइसेंस जारी करना, गोला बारूद की मात्रा में परिवर्तन, क्षेत्र की वैधता का विस्तार तथा शस्त्र लाइसेंस का निलंबन/रद्द/ निरस्तीकरण आदि शामिल हैं।
प्रशिक्षण के लिए सुविधा अनुसार बुक किया जाता है स्लॉट
उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदक सरल पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन करने के साथ ही उससे जुड़ी हर स्तर की सूचना उसे एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होती है। इसी पोर्टल पर व्यक्ति शस्त्र प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट बुक कर सकता है। प्रशिक्षण के लिए आवेदक को मात्र 1500 रुपए की फीस देनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु को दो दिन थ्योरी व एक दिन का शस्त्र प्रशिक्षण देने उपरान्त उसको सर्टिफिकेट दिया जाता है।