चंडीगढ़, 20 दिसंबर। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्यसरकार द्वारा भविष्य में आईएलआई और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के केसोंका आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा।
विज आज देश के कुछ राज्यों में हाल ही में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और देश में कोविड-19 के जेएन.1 वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने केमद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया तथा अन्यराज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं सचिवों के साथ सुरक्षा उपायों पर आयोजितवीडियो कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने आज सुझाव देते हुए कहा कि आईएलआई लक्षणऔर गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) केसों में आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी होनेचाहिए और कोविड-19 को नोटिफाई बीमारी घोषित करना चाहिए ताकिनिजी अस्पतालों में कोई केस आए तो वह सीएमओ व सरकारी अस्पतालों को जानकारियां दें।
उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी(आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्टकरने के लिए कहा गया है, ताकि ऐसे मामलों की शुरुआती बढ़तीप्रवृत्ति का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने मॉकड्रिल की हैऔर इस मामले में पूरी तैयारी है। हरियाणा में 238 पीएसएप्लांट चालू हालत में है। उन्होंने कहा कि उक्त बीमारी से लड़ने के लिए प्रदेशसरकार ने सबंधित विभाग को अलर्ट कर दिया है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्रीने कहा कि आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रदेशों के स्वास्थ्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई है, जिसमे आईएलआई लक्षण और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण(एसएआरआई) बारे गाइडलाइन पर चर्चा हुई है , इसके बाद राज्यस्तर की मीटिंग की गई है और जिसमें उपकरणों को जांचा गया है।