‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान का ज्यादा जोर नशा तस्करों के आर्थिक ढांचे को चकनाचूर करने पर

चंडीगढ़, 21 मार्च
पंजाब से नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के जरिए नशा तस्करों के पूरे तंत्र को आर्थिक रूप से तोड़ने पर जोर दिया।

16वीं पंजाब विधानसभा के आठवें सत्र के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 25 फरवरी को बहुत ही दृढ़ और केंद्रित ढंग से नशे के खिलाफ जंग (युद्ध नशे के विरुद्ध) अभियान शुरू करके नशा तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज की है। उन्होंने कहा कि इस दृढ़ संकल्प वाले अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया है। गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पंजाब से नशे की समस्या के पूर्ण खात्मे के लिए राज्य के दृढ़ संकल्प को व्यक्त करते हुए नशा तस्करों की कई संपत्तियों को ढहाया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के रूप में पुनर्गठित और मजबूत किया गया है, जिसकी स्थापना नशा कानूनों को लागू करने, पीड़ितों के पुनर्वास और नशे के दुरुपयोग को रोकने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य भर में 33,079 जन जागरूकता बैठकें की गईं और केवल चार महीनों में 19,523 ग्राम रक्षा कमेटियों का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि नशे से संबंधित डेटा, संचार और वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण करने के लिए एक विशेष खुफिया और तकनीकी इकाई भी स्थापित की गई है, जिससे एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स की प्रभावशीलता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स और फील्ड इकाइयों ने संगठित अपराध से निपटते हुए 1,588 अपराधियों को गिरफ्तार करने, 13 गैंगस्टरों को निष्क्रिय करने, 571 अपराधी गिरोहों का पर्दाफाश करने और अपराधों में इस्तेमाल किए गए 1,477 हथियारों और 327 वाहनों को बरामद करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने काउंटर-इंटेलिजेंस, साइबर अपराध रोकथाम और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी से 28 नवंबर, 2024 तक, पंजाब पुलिस ने नौ आतंकी मॉड्यूलों का पर्दाफाश किया है, जिससे 59 गिरफ्तारियां हुईं और हथियार बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य साइबर अपराध डिवीजन साइबर खतरों से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, जिसमें पंजाब में 28 साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करना, 24×7 सोशल मीडिया निगरानी, और साइबर मित्र चैटबोट जैसी पहल शामिल हैं।

स्वास्थ्य और शिक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई अहम योजनाओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में 881 ‘आम आदमी क्लीनिक’ चलाए जा रहे हैं। इन क्लीनिकों में कुल 2.98 करोड़ मरीजों ने स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त की हैं और अब तक 90 लाख से अधिक डायग्नोस्टिक लैब टेस्ट किए जा चुके हैं। इन क्लीनिकों में मरीजों को मौजूदा बाजार दरों पर 600 करोड़ रुपए की दवाइयां और 100 करोड़ रुपए की कीमत के डायग्नोस्टिक टेस्ट उपलब्ध कराए गए हैं। इन क्लीनिकों ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य खर्च को 1296 करोड़ रुपए तक कम करने में योगदान दिया है। गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में दवाइयों और उपभोग्य वस्तुओं की खरीद पर 200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

राज्यपाल ने कहा कि सभी जिला, सब-डिवीजनल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि 554 निजी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड केंद्र सूचीबद्ध किए गए हैं ताकि मरीजों को उचित कीमतों पर सेवाएं दी जा सकें। गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि इसकी अतिरिक्त लागत राज्य सरकार वहन करेगी और अगले 12 महीनों में इन सेवाओं पर 53 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे मरीजों को लाभ मिलेगा।

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