लुधियाना, 3 मार्च। छात्रों की मानक शिक्षा तक पहुंच यकीनी बनाने के लिए अपनी मुहिम जारी रखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को 13 नए स्कूल ऑफ एमिनेंस राज्य के लोगों को समर्पित किये, जिससे शिक्षा क्रांति ने पंजाब में एक और मील का पत्थर हासिल किया।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन स्कूलों का निर्माण करके छात्रों के जीवन में ऊंची मंजिल हासिल करने के सपनों को उड़ान दे रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति देखने को मिल रही है और यह स्कूल उसी की झलक हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मौका है और वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब देश का अग्रणी राज्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह पहलकदमी ख़ास करके गरीब और पिछड़े वर्गों के छात्रों की मानक शिक्षा तक पहुंच यकीनी बनाऐगी। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इन स्कूलों के छात्र हर क्षेत्र में सफलताएं हासिल करके राज्य का नाम रौशन करेंगे। मान ने कहा कि इस प्रयास से विद्यार्थियों की किस्मत बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और शिक्षा के क्षेत्र में मिसाली तबदीली देखने को मिल रही है क्योंकि अब प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखि़ला ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्कूल तो सिर्फ शुरुआत है क्योंकि गरीब छात्रों की भलाई के लिए ऐसे और स्कूल खोले जाएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाला ने कहा कि पहली नजर में कोई सोच भी नहीं सकता कि यह कोई सरकारी स्कूल है, अगर प्राईवेट स्कूल इस स्तर पर आते तो भारी फीस वसूल करते। यह स्कूल यह यकीनी बनाएगा कि कमज़ोर और पिछड़े वर्ग के छा6 जीवन में उच्च स्थान हासिल करें और अपनी किस्मत आप लिखें।
केजरीवाल ने राज्य के करीब आठ हजार करोड़ रुपए फंड रोकने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुये कहा कि इन फंडों का प्रयोग राज्य के विकास के लिए किया जा सकता था।