सीएस ने नीति आयोग के सामने रखे उत्तराखंड के मुद्देसीएस ने नीति आयोग के सामने रखे उत्तराखंड के मुद्दे

देहरादून, 19 अक्टूबर। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नीति आयोग के सामने प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में किए गए प्रयासों पर अपडेट दिया तथा राज्य की विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में विभिन्न मांमें रखीं।

उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, भारत सरकार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में किए गए कदमों की जानकारी साझा की। मुख्य सचिव ने इस दौरान उत्तराखंड राज्य की विशेष परिस्थितियों से जुड़े बिंदु रखे।

उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा जारी SDG India Index 2023-24 में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य के जल स्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु SARRA (Spring and River Rejuvenation Authority) का गठन कर अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण तथा संवर्धन कर पुनर्जीवीकरण कर दिया गया है, जबकि 228 वर्षा कालीन छोटी-बड़ी नदियों का Catchment Treatment कर पुनर्जीवित किया गया है। राज्य सरकार हिम आधारित नदियों (Glacier River) को वर्षा आधारित नदियों (Rainfed River) से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम Game Changer साबित होंगे जिसका लाभ प्रदेश को ही नहीं अपितु पड़ोसी राज्यों को भी मिलेगा। ऐसी अति महत्वपूर्ण “नदी-जोड़ो परियोजना” के क्रियान्वयन हेतु अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये नीति आयोग, भारत सरकार से तकनीकी सहयोग की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि  ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में Cluster आधारित Rural Incubation Centre स्थापित करने के लिए प्रारम्भ मे पायलट Project के रूप में दो Rural Incubation Centre स्थापित किये हैं, जिसके आशातीत परिणाम प्राप्त हुए हैं। द्वितीय चरण में हम समस्त जनपदों में Rural Incubation Centre स्थापित करने जा रहे हैं। व्यापक स्तर पर Incubation Centre स्थापित करने के लिए भारत सरकार से तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग की दरकार है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्र पोषित योजनाओं के लिए One Size Fit for All की परिकल्पना पर आधारित होने के कारण योजनाओं के निर्धारित मानको को बदलना तथा शिथिलता प्रदान करने के साथ ही अधिक विकेन्द्रीकृत, नियोजन एवं नीतियों की आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कौशल परिषद व सेक्टर के गठन के दृष्टिगत राज्य में हमें Green Skilling के साथ-साथ Eco-Tourism Activity के लिये नीति आयोग से तकनीकी सहायता की जरूरत है।

मुख्य सचिव ने कहा कि लैंगिक असमानता  को कम करने हेतु राज्य UCC एक्ट लागू किये जाने से महिलाओं को लैंगिक समानता का अधिकार प्राप्त होगें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 25 निवेशोन्मुखी नीतियां (Investor Friendly Policy) बनाई गई हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि  प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और आपदाओं की दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा को बढ़ावा देना केवल पर्यटन ही नहीं यातायात की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के संबंध में अनुरोध किया  कि पूर्वोत्तर के राज्यों के भांति उत्तराखण्ड राज्य को भी 24 प्रतिशत Capital Subsidy वाली श्रेणी में सम्मिलित किये जाने के लिए नीति आयोग भारत सरकार के सहयोग की आवश्यकता  है।

मुख्य सचिव ने कहा कि  राज्य के उद्यानिकी विकास के लिए सिंचाई के अन्य विकल्पों लिए  अनुरोध है कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित “पीएम कृषि सिंचाई योजना” के Guidelines में Lift Irrigation को भी सम्मिलित करने पर विचार करने किया जाए।

उन्होंने कहा कि हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र दुनिया के सबसे नाजुक और जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है, जो एक बड़ी जनसंख्या हेतु पानी, जैव विविधता तथा इकोसिस्टम सेवाएं प्रदान करता है। हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को Climate Resilient बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो पर्यावरण संरक्षण, सतत संसाधन प्रबंधन, आपदा तैयारी और सामुदायिक भागीदारी को एकीकृत करता हो।
 जलवायु परिवर्तन के कारण आपदा संबंधी घटनाओं में वृद्धि, बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने वनाग्नि आदि की घटनाओं में वृद्धि हुई है, साथ ही कृषि एवं आजीविका, पारंपरिक कृषि प्रथाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि  राज्य इको टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु कई कदम उठाये जा रहे है। इनमे प्रभावी कचरा प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता एवं जल संरक्षण जैसी पर्यावरण अनुकूल मानकों का पालन करने वाले होम स्टे एवं लॉज आदि को स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग (SGLR) द्वारा प्रमाणित करना सम्मिलित है।

रतूड़ी ने कहा कि  वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत तीन सीमान्त जनपदों उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के 5 विकासखण्डों के कुल 51 गावों का चयन किया गया है। उक्त गांवों के विकास के लिये मुख्यतः पर्यटन विकास, आजीविका सृजन, ऊर्जा, सड़क निर्माण, कौशल विकास तथा सामाजिक अवस्थानाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *