राज्यपाल ने सिलोखरा गांव में उत्सव फाउंडेशन में अंकुरम लैब का किया उद्घाटन, विभिन्न क्षेत्रों में सेवारत सामाजिक संस्थाओं व व्यक्तियों को किया सम्मानित
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षक के रूप में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य शिष्यों को सभ्य एवं शिक्षित बनाना है न केवल साक्षर। शिक्षक व अभिभावक होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम बच्चों में नैतिक मूल्यों के साथ साथ उनमें संस्कार की भी वृद्धि करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कार एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर आपके संस्कार सही है तो आपकी शिक्षा भी सही दिशा में जाएगी। हमारा दायित्व है कि युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाएं, ताकि आने वाला कल अच्छा हो। स्कूल में शिक्षा व घर पर संस्कारों को लेकर बच्चों के साथ रोजाना बातचीत की जाए तो बच्चे स्वयं ही नैतिक मूल्य व संस्कारों के प्रति सजग रहेंगे जिससे हमारा दायित्व भी पूरा हो जाएगा।
राज्यपाल आज गुरुग्राम के सिलोखरा गांव में स्थित उत्सव फाउंडेशन में रूप वी.के जैन फाउंडेशन के सहयोग से स्थापित अंकुरम (एक उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र) के उद्घाटन एवं सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाओं व गणमान्यों के सम्मान अभिनंदन समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने उपरोक्त लैब का शुभारंभ करने उपरांत फाउंडेशन के विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान विषय पर तैयार की गई अत्याधुनिक मॉडल की प्रदर्शनी को भी देखा।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक का काम विद्यार्थियों के रास्ते की बाधाओं को दूर करना ही नहीं बल्कि उन्हें संस्कारवान, कुशल एवं नेक इंसान बनाना भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल एवं सशक्त नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तैयार की गई है। जिसमें शिक्षार्थी के संपूर्ण विकास जैसे की साक्षरता,संख्याज्ञान, तार्किकता, समस्या समाधान, नैतिक, सामाजिक, भावनात्मक मूल्यों के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के उज्ज्वल भविष्य की सुदृढ़ नींव के लिए शिक्षा सबसे प्रमुख माध्यम है। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रही सामाजिक संस्थाएं इसे एक कार्यक्रम का रूप देकर आगे बढ़े। उन्होंने फाउंडेशन में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों से कहा कि बच्चों को शिक्षित करने में फाउंडेशन अपना पूर्ण योगदान दे रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि आप घर पर भी उन्हें शिक्षा का बेहतर वातावरण उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना चाहिए। पढ़ाई के साथ निरंतर क्रियात्मक गतिविधियों में भाग लेकर अपना चरित्र निर्माण भी करना चाहिए। उचित समय पर किए गए प्रयास कभी विफल नहीं होते है। इसलिए एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़े एवं अच्छी आदतों का निर्माण करते हुए जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होते रहे।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को उन्नत प्रौद्योगिकी से कुशल बनाना समय की मांग है। राज्यपाल ने अपने संबोधन के उपरांत विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाओं व व्यक्तियों को भारत श्रेष्ट सेवा संस्था व भारत सेवा रतन पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया।
समारोह में उत्सव फाउंडेशन के ट्रस्टी व श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, आईआईएलएम विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर सुजाता साही, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. ज्योति राणा सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।