धान की खरीद के लिए राज्य भर में 1806 मंडियाँ स्थापित कीं

चंडीगढ़, 27 सितम्बर:

पहली अक्तूबर से शुरू हो रहे खरीफ मंडीकरण सीजन(के.एम.एस.) 2023-24 के दौरान मंडियों में अपनी धान की फ़सल बेचने के लिए आने वाले तकरीबन 8 लाख से अधिक किसानों के लिए आरामदायक हालात सुनिश्चित बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा सभी पुख़्ता प्रबंध कर लिए गए हैं।
राज्य भर में 1806 मंडियाँ स्थापित की गई हैं और चावल मिलों को कम्प्यूट्राईज़्ड जी.पी.एस. सिस्टम के द्वारा इन मंडियों के साथ जोड़ा गया है।

खरीफ मंडीकरण सीजन 2023-24 सम्बन्धी तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज यहाँ अनाज भवन में डिप्टी डायरेक्टरों, डी.एफ.एस.सीज और अन्य सीनियर अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि खरीद के दौरान किसानों और अन्य हितधारकों जैसे कि आढतियों को किसी किस्म की दिक्कत पेश न आए और समय पर फ़सल की लिफ्टिंग और पहले दिन से किसानों के खातों में सीधी अदायगी सुनिश्चित बनाई जाए।

मंत्री ने आगे बताया कि हरेक मंडी में किसानों की बायो-मैट्रिक प्रणाली के द्वारा प्रामाणिकता की जाएगी और सभी प्रबंधों पर नजदीकी नजऱ रखने के लिए हरेक मंडी के लिए एक नोडल अफ़सर नियुक्त किया जाएगा।

श्री कटारूचक्क ने कहा कि किसी भी चावल मिल को खरीद केंद्र नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कस्टम मिल्ड राइस ( सी.एम.आर.) रखने वाले कारटेज ठेकेदारों के साथ-साथ मिल्लरों के लिए भी यह अनिवार्य होगा कि वह अपने पास उपलब्ध मात्रा संबंधी बताएं। उन्होंने वाहन ट्रेकिंग सिस्टम को सुचारू ढंग से लागू करने के लिए भी हिदायत की। इसके अलावा ऑनलाइन गेट पास विधि का भी प्रयोग किया जाएगा।
यह बताते हुए कि बारदाने का उचित संख्या में प्रबंध किया गया है, मंत्री ने कहा कि इस बार 480 नयी चावल मिलें अलॉटमैंट पड़ाव के लिए पात्र बन गई हैं। समूची खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता की वकालत करते हुए कैबिनेट मंत्री ने चेतावनी दी कि किसी भी किस्म की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अधिक जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि इस बार खरीद का लक्ष्य 182 लाख मीट्रिक टन ( एल.एम.टी.) निर्धारित किया गया है और इसके साथ ही धान के खरीद सीजन के लिए आर.बी.आई. द्वारा 37,625. 68 करोड़ रुपए की नकद ऋण सीमा ( सी.सी.एल.) को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि सभी संभावित स्थानों पर नाके लगाए जाएँ, जिससे अन्य राज्यों से आने वाले धान को पंजाब की मंडियों में बेचने से रोका जा सके। उन्होंने डी.एफ.एस.सी. को कहा कि के.एम.एस. 2023-24 में बेहतर प्रदर्शन दिखाने वाले डी.एफ.एस.सीज को आर.एम.एस. 2023-24 की तरह सम्मानित किया जाएगा।

राशन कार्डों के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि विजीलैंस समिति के सदस्यों के संपर्क नंबर और सारी अपेक्षित जानकारी वैरीफिकेशन के लिए ऑनलाइन अपलोड की जाए। जि़क्रयोग्य है कि राशन कार्डों के सम्बन्ध में सर्वेक्षण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में जमा करवाए गए फार्मों की पड़ताल के लिए फील्ड स्तर पर विजीलैंस समितियों का गठन किया गया है।

इस मौके पर अन्यों के अलावा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह, डायरैक्टर घनश्याम थोरी, ज्वाइंट डायरैक्टर डॉ. अंजुमन भास्कर और समूह डी.एफ.एस.सीज उपस्थित थे।